Blue NDC Challenge
संदर्भ:
फ्रांस के नीस शहर में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन (UNOC3) के दौरान ब्राज़ील और फ्रांस ने मिलकर “ब्लू एनडीसी चैलेंज” की शुरुआत की। इस पहल का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (UNFCCC COP30) से पहले राष्ट्रीय जलवायु रणनीतियों में समुद्र आधारित समाधान को सम्मिलित करना है।
Blue NDC Challenge: महासागर–केंद्रित जलवायु पहल–
उद्देश्य: देशों से आग्रह किया गया है कि वे अपनी जलवायु योजनाओं यानी Nationally Determined Contributions (NDCs) में महासागर–केंद्रित कार्यों को शामिल करें।
प्रमुख लक्ष्य:
- COP30 (2025) से पहले महासागर-आधारित जलवायु कार्रवाई को तेजी से बढ़ावा देना।
- UNFCCC (United Nations Framework Convention on Climate Change) के तहत वैश्विक जलवायु प्रतिबद्धताओं को महासागर-संवेदनशील बनाना।
महत्व:
- महासागर कार्बन अवशोषण, जलवायु संतुलन, और प्राकृतिक आपदा से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- NDCs में महासागरों को शामिल करना, जलवायु नीति को समग्र और प्रभावी बनाता है।
समर्थनकर्ता संगठन:
- Ocean Conservancy
- Ocean & Climate Platform
- World Resources Institute (Ocean Resilience and Climate Alliance – ORCA के माध्यम से)
- WWF-Brazil
जलवायु कार्रवाई में महासागरों की भूमिका–
कार्बन अवशोषण (Carbon Sequestration):
- महासागर वैश्विक CO₂ उत्सर्जन का 25% से अधिक अवशोषित करते हैं।
- मानव गतिविधियों से उत्पन्न 90% अतिरिक्त ऊष्मा को भी महासागर ही सोखते हैं।
- यह उन्हें जलवायु परिवर्तन की रोकथाम में एक प्रमुख प्राकृतिक ढाल बनाता है।
ब्लू कार्बन इकोसिस्टम:
- तटीय पारिस्थितिकी तंत्र जैसे मैन्ग्रोव, सीग्रास और सॉल्ट मार्श:
- भूमि आधारित वनों की तुलना में 5 गुना अधिक दर से कार्बन संग्रह करते हैं।
- इनकी रक्षा से दीर्घकालिक कार्बन भंडारण संभव होता है।
जैव विविधता का संरक्षण:
- महासागर असंख्य समुद्री प्रजातियों का घर हैं।
- समुद्री पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा, पारिस्थितिक तंत्र की लचीलापन (resilience) बनाए रखने में मदद करती है।
- जैव विविधता का संरक्षण, जलवायु झटकों से पारिस्थितिक तंत्र को संभालने में आवश्यक है।
आजीविका और खाद्य सुरक्षा:
- विश्वभर में 3 अरब से अधिक लोग समुद्री संसाधनों पर अपनी खाद्य आपूर्ति, रोजगार और आजीविका के लिए निर्भर हैं।
- महासागरों की रक्षा करना वैश्विक आर्थिक स्थिरता और खाद्य सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।
Blue NDC Challenge: प्रमुख विशेषताएं–
महासागर–संवेशित NDCs: देशों को प्रोत्साहित किया गया है कि वे अपने राष्ट्रीय जलवायु योजनाओं (NDCs) में समुद्री पारिस्थितिक तंत्र, मैन्ग्रोव, और तटीय क्षेत्रों को शामिल करें।
सतत ब्लू अर्थव्यवस्था: जलवायु-लचीली मछलीपालन, समुद्री अक्षय ऊर्जा (जैसे वेव, विंड, टाइडल), और कार्बन-स्मार्ट जलीय कृषि (Aquaculture) को बढ़ावा देना।
अपतटीय जीवाश्म ईंधन पर चरणबद्ध रोक: विशेष रूप से संवेदनशील समुद्री क्षेत्रों में तेल और गैस की अपतटीय खोज को धीरे-धीरे बंद करने का आग्रह।
पुनर्स्थापन और संरक्षण (Restoration & Conservation):
- मैन्ग्रोव, कोरल रीफ, और सॉल्ट मार्श जैसे पारिस्थितिक तंत्रों की बहाली और संरक्षण पर जोर।
- इससे कार्बन अवशोषण बढ़ेगा और तटीय सुरक्षा मजबूत होगी।
वैश्विक साझेदारी और समर्थन:
- इस पहल को समर्थन देने वाले प्रमुख संगठन:
- Global Mangrove Alliance
- UN High-Level Climate Champions
- World Resources Institute (WRI)