Booker Prize
संदर्भ:
भारतीय लेखिका, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता बानू मुश्ताक ने इतिहास रचते हुए इंटरनेशनल बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली कन्नड़ भाषा की लेखिका बन गई हैं।
अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार (Booker Prize):
उद्देश्य और स्वरूप:
- यह पुरस्कार हर वर्ष सर्वश्रेष्ठ दीर्घ कथा (long-form fiction) या लघु कथाओं के संग्रह को दिया जाता है,
- बशर्ते वे किसी अन्य भाषा में मूलतः लिखी गई हों और उनका अंग्रेज़ी में अनुवाद हुआ हो।
- यह रचनाएँ UK या आयरलैंड में प्रकाशित होनी चाहिए।
इतिहास:
- स्थापना: 2005 में एक द्विवार्षिक पुरस्कार के रूप में हुई थी, जो लेखक के वैश्विक साहित्य में योगदान को सम्मानित करता था।
- प्रारंभ में यह जरूरी नहीं था कि पुस्तक अंग्रेज़ी के अलावा किसी अन्य भाषा में हो।
- 2015 से नियमों में बदलाव कर इसे वार्षिक पुरस्कार बनाया गया, जिसमें केवल अनुवादित कृतियों को मान्यता दी जाती है।
पात्रता और पुरस्कार राशि:
- किसी भी राष्ट्रीयता का लेखक पात्र हो सकता है,
- पुरस्कार राशि: £50,000
- प्रत्येक शॉर्टलिस्ट किए गए लेखक और अनुवादक को भी £2,500 मिलते हैं।
- प्रशासन: बुकर प्राइज फाउंडेशन द्वारा।
अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2025:
- विजेता पुस्तक: Heart Lamp
- लेखिका: बानु मुश्ताक
- अनुवाद: दीपा भास्ती द्वारा कन्नड़ से अंग्रेज़ी में
- विशेषताएँ:
- यह पुरस्कार जीतने वाला पहला लघु कथाओं का संग्रह है।
- यह कन्नड़ भाषा में मूल रूप से लिखी गई पहली कृति है जिसे यह पुरस्कार मिला।
- Heart Lamp में 1990 से 2023 के बीच लिखी गई कहानियाँ शामिल हैं।
ये कहानियाँ दक्षिण भारत में मुस्लिम महिलाओं के संघर्षों को चित्रित करती हैं।