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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ ने वडोदरा, गुजरात में टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स में C-295 एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए भारत की पहली निजी क्षेत्र की फाइनल असेंबली लाइन (FAL) का उद्घाटन किया। इस परियोजना का उद्देश्य भारतीय रक्षा उद्योग में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है, और यह “मेक इन इंडिया” पहल का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
C-295 एयरक्राफ्ट समझौता:
- करार की राशि: भारत सरकार ने सितंबर 2021 में स्पेन की एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ 56 C-295 विमानों के लिए 21,935 करोड़ रुपये में समझौता किया था।
- उत्पादन: इनमें से 40 विमान भारत में टाटा एडवांस लिमिटेड और एयरबस के सहयोग से बनाए जाएंगे, जबकि 16 विमान स्पेन से तैयार स्थिति में आयात किए जाएंगे।
- आगमन की समयसीमा:
- पहला विमान सितंबर 2023 में भारत पहुंच चुका है।
- सभी 16 आयातित विमान अगस्त 2025 तक भारत आ जाएंगे।
- भारत में पहले C-295 विमान का निर्माण सितंबर 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है, और बाकी 39 विमान 2031 तक तैयार होंगे।
प्रोजेक्ट का महत्व:
- रोजगार के अवसर: इस परियोजना के माध्यम से 15,000 उच्च कौशल और 10,000 अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन होगा।
- मेक इन इंडिया: यह प्रोजेक्ट भारतीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी: यह भारत में निजी क्षेत्र द्वारा सैन्य विमान निर्माण का पहला प्रोजेक्ट है, जो टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स द्वारा एयरबस डिफेंस एंड स्पेस की सहायता से किया जाएगा।
C-295 एयरक्राफ्ट की विशेषताएं:
- शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग: यह विमान 320 मीटर में टेक-ऑफ और 670 मीटर में लैंडिंग कर सकता है, जो इसे पहाड़ी इलाकों जैसे लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम में आदर्श बनाता है।
- पेलोड क्षमता: 7,050 किलोग्राम का पेलोड उठा सकता है और 71 सैनिकों, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट्स को ले जा सकता है।
- उड़ान समय: लगातार 11 घंटे तक उड़ान भरने की क्षमता।
- आधुनिक कंट्रोल सिस्टम: क्रू केबिन में टचस्क्रीन कंट्रोल के साथ स्मार्ट कंट्रोल सिस्टम।
- रैम्प डोर: पीछे की ओर रैम्प डोर, जो तेज लोडिंग और ड्रॉपिंग में सहायक है।
- इंजन: इसमें दो प्रैट एंड व्हिटनी PW127 टर्बोट्रूप इंजन लगे हुए हैं।
- स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूइट: सभी विमानों को स्वदेश निर्मित इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूइट से लैस किया जाएगा, जिससे भारत की रक्षा क्षमता मजबूत होगी।
निष्कर्ष: C-295 विमान का निर्माण न केवल भारत के रक्षा उद्योग में एक महत्वपूर्ण प्रगति है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो स्थानीय रोजगार सृजन और तकनीकी विकास में योगदान देगा।
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