Census of India
संदर्भ:
भारत सरकार वर्ष 2027 की 1 मार्च तक देश की अगली जनगणना आयोजित करेगी। यह जनगणना लगभग 16 वर्षों के अभूतपूर्व अंतराल के बाद की जाएगी, जो जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और नीति-निर्माण के लिए महत्वपूर्ण आंकड़ों को एकत्रित करने की दिशा में एक अहम कदम होगा।
Census of India परिभाषा (Definition):
- जनगणना भारत में हर 10 साल में होने वाली एक राष्ट्रीय स्तर की सांख्यिकीय प्रक्रिया है।
- इसमें हर निवासी (नागरिकता की परवाह किए बिना) से जनसांख्यिकीय, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक आंकड़े जुटाए जाते हैं।
प्राधिकरण (Authority):
- जनगणना का संचालन करता है:
- भारत का रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त कार्यालय।
- यह गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) के अधीन कार्य करता है।
- यह प्रक्रिया जनगणना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत संचालित होती है।
आगामी जनगणना का महत्व (Significance of the Upcoming Census) —:
- संदर्भ तिथि: अधिकांश भारत में जनगणना की संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 होगी, जबकि लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में यह 1 अक्टूबर 2026 होगी।
- दो चरणों में प्रक्रिया (Two-Phase Format):
- पहला चरण: हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग शेड्यूल
- दूसरा चरण: जनसंख्या गणना, जिसमेंजातिगत आंकड़े (Caste Data) भी शामिल होंगे।
- डिजिटल जनगणना: यह भारत कीपहली डिजिटल जनगणना होगी। इसमें मोबाइल ऐप का उपयोग किया जाएगा और स्व–गणना (Self-enumeration) के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी उपलब्ध रहेगा (केवल NPR अपडेटेड परिवारों के लिए)।
- पूर्व तैयारी का पुनः उपयोग: वर्ष 2021 के लिए चिन्हित किए गए24 लाख गणना ब्लॉक्स को ही पुनः उपयोग में लाया जाएगा।
- सीमा पुनर्निर्धारण: 84वां संविधान संशोधन (2001)निर्धारित करता है कि 2026 के बाद की पहली जनगणना के आधार पर संसदीय क्षेत्रों का सीमांकन किया जाएगा।
- महिला आरक्षण से संबंध (Women’s Reservation):
33% महिला आरक्षण कानून (128वां संशोधन)की प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भी इसी जनगणना के आंकड़ों की आवश्यकता होगी। - नई विशेषता – जाति गणना (New Inclusion – Caste Enumeration):
आगामी जनगणना में जातिगत विवरण जोड़ा जाएगा, संभवतः केवलसादी सूची (Plain List) के रूप में, बिना OBC वर्गीकरण के। - राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) अपडेट: हालांकि 119 करोड़ निवासियों का डेटा NPR में उपलब्ध है, लेकिन अब तक NPR को अपडेट करने को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
जाति गणना की शुरुआत:
- 1931 के बाद पहली बार जातिगत डेटा:
पिछली बार पूर्ण जातिगत जानकारी1931 की जनगणना में एकत्र की गई थी (SC/ST को छोड़कर)। - 1951 से 2011 तक का चलन:
इन वर्षों में केवलअनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) का ही डेटा संकलित किया गया। - SECC 2011:
सामाजिक–आर्थिक और जाति जनगणना 2011 (SECC)में जाति डेटा तो एकत्र हुआ था, लेकिन उसे सरकारी रूप से कभी जारी नहीं किया गया।
नया डेटा फील्ड: आगामी जनगणना में SC/ST सेक्शन के साथ एक नया ड्रॉप बॉक्स जोड़ा जाएगा, जिसमें व्यक्ति अपनी जाति का विवरण दर्ज कर सकेंगे।