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चंद्रयान-4 मिशन

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संदर्भ:

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने घोषणा की कि चंद्रयान-4 मिशन वर्ष 2027 में लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन का लक्ष्य अखंड और अशुद्धिरहित चंद्र नमूने वापस लाना है, जिससे वैज्ञानिक अनुसंधान को नई दिशा मिलेगी।

चंद्रयान-4 मिशन के बारे में:

  • चंद्रयान-3 की सफलता के बाद, इसरो अब चंद्रयान4 पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
  • यह एक लूनर सैंपलरिटर्न मिशन होगा।
  • इस मिशन का उद्देश्य:
    • सॉफ्ट लैंडिंग करना।
    • चंद्र चट्टानों के नमूने एकत्र करना
    • नमूनों को पृथ्वी पर वापस लाना
  • यदि सफल होता है, तो भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बनेगा।

चंद्रयान-4 मिशन के मुख्य उद्देश्य:

  • चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग करना।
  • चंद्र नमूनों का संग्रहण और भंडारण करना।
  • चंद्र सतह से टेकऑफ करना।
  • चंद्र कक्षा में डॉकिंग और अनडॉकिंग करना।
  • अंतरिक्ष यान मॉड्यूल के बीच नमूनों का स्थानांतरण
  • संग्रहित नमूनों को सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना

चंद्रयान-4 मिशन के रणनीति और घटक:

  1. प्रोपल्शन सिस्टम: लैंडर और एसेंडर स्टेज को चंद्रमा तक पहुंचाने के लिए।
  2. डिसेंडर: चंद्रमा पर उतरने और नमूने एकत्र करने वाले उपकरण ले जाने के लिए।
  3. एसेंडर: लैंडर से अलग होकर नमूने एकत्र करने के बाद चंद्र सतह से उड़ान भरने के लिए।
  4. ट्रांसफर मॉड्यूल: एसेंडर से नमूने प्राप्त कर उन्हें री-एंट्री मॉड्यूल तक पहुंचाने के लिए।
  5. रीएंट्री मॉड्यूल: नमूनों को सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए, जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश का सामना कर सके।

विस्तृत पेलोड:

  • लूनर प्रोपल्शन मॉड्यूल: चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल के समान, लैंडर और एसेंडर को चंद्रमा तक ले जाने के लिए।
  • लूनर लैंडर: चंद्रमा पर उतरने और नमूना संग्रहण उपकरण ले जाने के लिए।
  • लूनर एसेंडर: नमूने एकत्र करने के बाद लैंडर से अलग होकर चंद्र कक्षा में जाने और डॉकिंग के लिए।
  • ट्रांसफर मॉड्यूल: एसेंडर से नमूने लेकर री-एंट्री मॉड्यूल तक पहुंचाने के लिए।
  • रीएंट्री मॉड्यूल: चंद्र नमूनों को सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए।

दोहरी रॉकेट लॉन्च रणनीति:

चंद्रयान-4 दो अलग-अलग रॉकेटों का उपयोग करेगा:

  1. लॉन्च व्हीकल मार्क3 (LMV-3): प्रोपल्शन, डिसेंडर और एसेंडर मॉड्यूल ले जाने के लिए।
  2. पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV): ट्रांसफर और री-एंट्री मॉड्यूल को उनके निर्दिष्ट चंद्र कक्षा में पहुंचाने के लिए।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO):

  • इसरो भारत की अंतरिक्ष एजेंसी है, जो अंतरिक्ष अनुसंधान, अन्वेषण और विकास का कार्य करती है।
  • इसका मुख्यालय बेंगलुरु, भारत में स्थित है।
  • 1969 में इसरो की स्थापना हुई, जिसने भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (INCOSPAR) का स्थान लिया।
  • इसरो ने 1975 में भारत का पहला उपग्रह, आर्यभट्ट, प्रक्षेपित किया।

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