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चंद्रयान-5 मिशन (Chandrayaan-5 Mission) – Apni Pathshala

Chandrayaan-5 Mission

 

संदर्भ:

भारत और जापान ने चंद्रयान5 मिशन, जिसे लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन (LUPEX) के नाम से भी जाना जाता है, के प्रारंभिक डिज़ाइन चरण की शुरुआत कर दी है। यह मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में जल-बर्फ और अन्य संसाधनों की खोज के लिए एक महत्त्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सहयोग है।

चंद्रयान5 मिशन (LUPEX)

उद्देश्य:

  • चंद्रमा की सतह और उपसतह पर पानी और जल-बर्फ का गहन अन्वेषण करना।
  • चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों में जल की उपस्थिति का अध्ययन।

प्रमुख विशेषताएँ:

  • लॉन्च केंद्र: तानेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र, जापान
  • लॉन्च वाहन: जापानी रॉकेट (H3 लॉन्च वाहन)
    • तीन-चरणीय प्रक्षेपण यान
    • ठोस-ईंधन और क्रायोजेनिक ईंधन (तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन) द्वारा संचालित
    • ऊँचाई: 63 मीटर
    • वजन: 574 टन
  • लॉन्च अवधि: 2027-28
  • अवधि: 100 दिनों से अधिक या अधिकतम एक वर्ष

साझेदारी:

  • संयुक्त परियोजना: इसरो (भारत) और जाक्सा (जापान)
    • इसरो: लैंडर का निर्माण
    • जापान: रोवर का निर्माण
  • वजन:
    • कुल वजन: 6,500 किलोग्राम
    • रोवर का वजन: 350 किलोग्राम

रोवर की विशेषताएँ:

  • स्वायत्त रूप से चंद्रमा की सतह पर पानी की संभावना वाले क्षेत्रों की खोज करेगा।
  • ड्रिल का उपयोग करके मिट्टी के नमूने एकत्र करेगा।
  • नमूनों का गहन विश्लेषण करेगा।

वैज्ञानिक पेलोड:

  • कुल पेलोड: 10
    • जाक्सा से 5
    • इसरो से 3
    • नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी से 1-1

चंद्रयान मिशनों की विरासत

  1. चंद्रयान1 (2008):
  • भारत का पहला चंद्र मिशन
  • उद्देश्य: खनिज और रासायनिक मानचित्रण
  • प्रमुख उपलब्धि: चंद्रमा पर पानी के अणुओं की खोज
  1. चंद्रयान2 (2019):
  • कक्षीय मिशन, 98% सफल
  • उद्देश्य: चंद्रमा की सतह और भौगोलिक अध्ययन
  • उपलब्धि: ऑर्बिटर अभी भी चंद्रमा की कक्षा में सक्रिय
  1. चंद्रयान3 (2023):
  • चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग
  • ऐतिहासिक उपलब्धि: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला मिशन
  1. चंद्रयान4 (आगामी, 2027):
  • प्रकार: चंद्र नमूना वापसी मिशन
  • प्रक्षेपण: 2027 (संभावित)
  • लैंडिंग स्थल: स्टेटियो शिव शक्ति, चंद्र दक्षिणी ध्रुव के निकट
  • विशेषताएँ:
    • पांच मॉड्यूल, दो LVM-3 रॉकेट से प्रक्षेपित
    • पृथ्वी की कक्षा में डॉकिंग के बाद एकीकृत अंतरिक्ष यान का निर्माण
    • रोबोटिक भुजा और ड्रिल का उपयोग करके चंद्रमा की सतह और उपसतह से 2-3 किलोग्राम नमूने एकत्र करना
    • पुन: प्रवेश मॉड्यूल (RM) द्वारा बैलिस्टिक पुन: प्रवेश के माध्यम से नमूनों के साथ पृथ्वी पर वापसी
    • भारत का पहला चंद्र नमूना वापसी प्रयास
  1. चंद्रयान5 / LUPEX:
  • उद्देश्य: गहन अन्वेषण और वैश्विक भागीदारी
  • साझेदारी: इसरो (भारत) और जाक्सा (जापान)
  • विशेषता: चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों में जल-बर्फ की खोज
  1. मानवयुक्त चंद्र मिशन (2040):
  • उद्देश्य: चंद्रमा पर मानव अवतरण
  • समयरेखा: 2040 तक संभावित
  • विशेषता: भारत का पहला मानवयुक्त चंद्र मिशन

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