Apni Pathshala

बाल श्रम (Child labour) | UPSC Preparation

Child labour

Child labour

हर वर्ष 12 जून को बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस (World Day Against Child Labour – WDACL) मनाया जाता है। इस दिन का नेतृत्व अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) करता है, जिसका उद्देश्य बाल श्रम की समस्या के प्रति वैश्विक जागरूकता फैलाना और इसके उन्मूलन के प्रयासों को सशक्त करना है।

(Child labour) बाल श्रम: एक वैश्विक संकट
  • बाल श्रम आज भी दुनिया भर में फैला हुआ है, जिससे लाखों बच्चे अपना बचपन, सम्मान से जीने का अधिकार और संभावनाओं को पूरा करने का अवसर खो देते हैं।
  • अनुमानित 16 करोड़ बच्चे (हर 10 में से 1) बाल श्रम में लगे हुए हैं।
  • अफ्रीका, एशिया और प्रशांत क्षेत्र मिलकर दुनिया के 90% से अधिक बाल श्रम मामलों के लिए जिम्मेदार हैं।
  • COVID-19 महामारी ने स्थिति को और खराब कर दिया —
    • स्कूल बंद हुए,
    • अभिभावकों की नौकरी या आमदनी चली गई,
    • जिससे बच्चों को स्कूल छोड़कर काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
  • कई बच्चे अब तक स्कूल नहीं लौट सके, जिससे शिक्षा और बचपन दोनों से वंचित हो गए हैं।

भारत में बाल श्रम की स्थिति:

वर्तमान स्थिति (जनगणना 2011 के अनुसार): भारत में 5 से 14 वर्ष की आयु के लगभग 43.53 लाख बच्चे बाल श्रम में लगे हुए हैं।

प्रमुख कारण:

  • गरीबी (Poverty)
  • शिक्षा और संसाधनों की कमी (Lack of access to education & resources)
  • अशिक्षा (Illiteracy)

बाल श्रम किन क्षेत्रों में आम है:

  • बीड़ी फैक्ट्रियाँ (Beedi factories)
  • कालीन बुनाई इकाइयाँ (Carpet-weaving units)
  • पटाखा उद्योग (Firework industries)

भारत सरकार द्वारा बाल श्रम रोकने के लिए उठाए गए कदम:

कानूनी ढांचे को मजबूत करना:

  • बाल श्रम (निषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2016 लागू किया गया।
  • 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के किसी भी रोजगार में कार्य करने पर पूर्ण प्रतिबंध
  • 14–18 वर्ष के किशोरों को खतरनाक व्यवसायों में काम करने से रोका गया है।

राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना (NCLP):

  • 1988 में शुरू की गई एक केंद्रीय प्रायोजित योजना
  • उद्देश्य: बाल श्रमिकों की पहचान, बचाव और पुनर्वास
  • विशेष प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से उन्हें शिक्षा, भोजन, स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक परामर्श उपलब्ध कराया जाता है।

शिक्षा और कल्याण योजनाओं के साथ एकीकरण:

  • मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE), 2009: सभी 6–14 वर्ष के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का अधिकार।
  • मिडडे मील योजना: स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति और पोषण स्तर बढ़ाने में सहायक।
  • समग्र शिक्षा अभियान: स्कूली बुनियादी ढांचे, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्रवृत्तियों के ज़रिए कमजोर वर्गों के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ना।

बाल श्रम उन्मूलन में प्रमुख चुनौतियाँ

अल्पकालिक प्रभाव (Short-term Impact): कई अभियान प्रारंभिक रूप से सफल होते हैं,
लेकिन उनके परिणाम लंबे समय तक टिक नहीं पाते।

बच्चों के दोबारा काम पर लौटने के कारण:

  • परिवार की आर्थिक मजबूरी
  • बचाव के बाद उचित सहायता का अभाव
  • पुनर्वास व्यवस्था में कमी

Download Today Current Affairs PDF

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Posts

Scroll to Top