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Cities Coalition for Circularity (C-3) के बारे में

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संदर्भ:

Cities Coalition for Circularity (C-3): भारत ने जयपुर में आयोजित 12वें क्षेत्रीय 3R और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम में “Cities Coalition for Circularity” पहल की शुरुआत की, जिससे शहरी क्षेत्रों में संसाधनों के कुशल पुनः उपयोग और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।

Cities Coalition for Circularity (C-3) लॉन्च के मुख्य बिंदु:

  1. घोषणा: C-3का लॉन्च जयपुर में 12वें क्षेत्रीय 3R और सर्कुलर अर्थव्यवस्था फोरम के उद्घाटन के दौरान किया गया।
  2. महत्वपूर्ण समझौता: CITIIS 2.0के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) हस्ताक्षरित किया गया, जो शहरी स्थिरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
  3. आर्थिक पहल: ₹1,800 करोड़ के समझौते घोषित किए गए, जिससे 14 राज्यों के 18 शहरों को लाभ मिलेगा।
  4. जयपुर घोषणा (2025-2034):
    • C-3 फोरम अगले दशक के लिए जयपुर घोषणा को अपनाएगा, जो गैरराजनीतिक और गैरबाध्यकारी होगा।
    • यह संसाधन दक्षता और सतत शहरी विकास के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत प्रदान करेगा।

Cities Coalition for Circularity (C-3) के बारे में

  1. परिचय:
    • C-3 एक बहुराष्ट्रीय गठबंधन है, जिसका उद्देश्य शहरों के बीच सहयोग, ज्ञानसाझाकरण और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देना है।
    • यह टिकाऊ शहरी विकास (Sustainable Urban Development) को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है।
  2. उद्देश्य:
    • नीति निर्माताओं, उद्योग नेताओं, शोधकर्ताओं और विकास भागीदारों के लिए एक मंच प्रदान करना।
    • अपशिष्ट प्रबंधन (Waste Management) और संसाधन दक्षता (Resource Efficiency) को लागू करने पर जोर देना।
    • 3R सिद्धांत (Reduce, Reuse, Recycle) और सर्कुलर इकोनॉमी को अपनाना।

क्षेत्रीय 3R और सर्कुलर अर्थव्यवस्था फोरम

  1. स्थापना: यह एशियाप्रशांत क्षेत्र में 2009 में शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण मंच है।
  1. उद्देश्य:
    • अपशिष्ट प्रबंधन, संसाधन दक्षता, और सर्कुलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना।
    • तीव्र आर्थिक विकास, संसाधनों की कमी, और बढ़ते कचरे की चुनौतियों से निपटना।
  2. प्रमुख उपलब्धि: हनोई 3R घोषणा (2013-2023) को अपनाया गया, जिसमें 33 स्वैच्छिक लक्ष्य निर्धारित किए गए।
  3. 2025 फोरम की मुख्य बातें:
    1. विषय:“सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) और कार्बन न्यूट्रलिटी को प्राप्त करने की दिशा में सर्कुलर समाजों का निर्माण।”
    2. आयोजक:
      1. आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (भारत)
      2. संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रीय विकास केंद्र (UNCRD)
      3. ग्लोबल एनवायरनमेंटल स्ट्रेटेजीज़ संस्थान (IGES)

सर्कुलर अर्थव्यवस्था (Circular Economy) क्या है?

  1. परिभाषा: यह एक ऐसी प्रणाली है जिसमें सामग्री कभी भी बेकार नहीं होती और प्राकृतिक संसाधनों का पुनर्जनन (Regeneration) किया जाता है।
  2. मुख्य सिद्धांत:
    • सामग्री और उत्पादों को पुनः उपयोग में बनाए रखना, जैसे:
      • रखरखाव (Maintenance)
      • पुनः उपयोग (Reuse)
      • मरम्मत (Refurbishment)
      • पुनर्निर्माण (Remanufacture)
      • रिसाइक्लिंग (Recycling)
  3. महत्व:
    • जलवायु परिवर्तन से निपटने में सहायक।
    • जैव विविधता की हानि (Biodiversity Loss), कचरा (Waste) और प्रदूषण (Pollution) को कम करता है।
    • आर्थिक गतिविधियों को सीमित संसाधनों की खपत से अलग करने में मदद करता है।

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