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संदर्भ:
DPDP नियम: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 के मसौदा नियमों पर सार्वजनिक परामर्श प्रक्रिया को 5 मार्च तक पूरा करने की योजना बना रहा है।
डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (DPDP) अधिनियम, 2023 : पृष्ठभूमि
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (DPDP) अधिनियम, 2023 और इसके मसौदा नियमों पर सार्वजनिक परामर्श को अंतिम रूप दे रहा है।
विकलांगता अधिकार कार्यकर्ताओं की आपत्ति:
- धारा 9(1) के तहत, वयस्क विकलांग व्यक्तियों (PwDs) को बच्चों के समान माना गया है।
- इस प्रावधान के अनुसार, PwDs के कानूनी संरक्षक को उनकी डिजिटल डेटा प्रोसेसिंग के लिए सहमति देनी होगी।
प्रमुख चिंताएं:
- कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह PwDs की स्वायत्तता (Autonomy) को कमजोर करता है।
- यह संरक्षकता कानूनों (Guardianship Laws) की गलत व्याख्या को दर्शाता है।
दिव्यांगजनों (PwDs) की प्रमुख चिंताएँ:
- अनिवार्य संरक्षक सहमति:
- डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (DPDP) अधिनियम, 2023 की धारा 9(1) के तहत PwDs के डेटा प्रोसेसिंग के लिए संरक्षक की सहमति अनिवार्य की गई है, जिससे उन्हें बच्चों के समान माना गया है।
- कार्यकर्ताओं का तर्क है कि यह PwDs की स्वायत्तता को कमजोर करता है और डिजिटल निर्णय लेने की उनकी क्षमता को नकारता है।
- कार्यान्वयन में अस्पष्टता (Lack of Clarity in Implementation):
- ड्राफ्ट नियमों में धारा 9(1) के तहत कुछ ही दिव्यांगताओं को शामिल किया गया है, जिससे व्यावहारिक चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
- नियम 10 के तहत डेटा फ़िड्यूशियरी (Data Fiduciary) को संरक्षक की कानूनी स्थिति सत्यापित करनी होगी, लेकिन विभिन्न प्रकार की दिव्यांगताओं या उनकी गंभीरता के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं हैं।
- अभिभावकता कानूनों से असंगति :
- भारत में PwDs के लिए दो प्रमुख अभिभावकता कानून हैं:
- राष्ट्रीय न्यास अधिनियम (NT Act), 1999→ ऑटिज़्म, सेरेब्रल पाल्सी, और बौद्धिक दिव्यांगता से पीड़ित PwDs के लिए पूर्ण अभिभावकता (Full Guardianship) प्रदान करता है।
- दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम (RPWD Act), 2016→ PwDs को निर्णय लेने के लिए सहायता देने की व्यवस्था करता है, लेकिन उनकी स्वायत्तता को समाप्त नहीं करता (Limited Guardianship)।
- DPDP अधिनियम इन दोनों प्रकार की अभिभावकता में अंतर नहीं करता, जिससे PwDs पर संरक्षक-निर्भरता (Forced Dependence) की चिंता बढ़ जाती है।
- भारत में PwDs के लिए दो प्रमुख अभिभावकता कानून हैं:
ड्राफ्ट नियमों से जुड़ी चिंताएँ:
- डिजिटल स्वायत्तता (Digital Autonomy) से इनकार
- धारा 9(1) यह मानती है कि जिन PwDs के पास कानूनी संरक्षक हैं, वे स्वतंत्र रूप से डिजिटल निर्णय नहीं ले सकते।
- यह दृष्टिकोण PwDs की स्वायत्तता और निर्णय लेने की क्षमता को अनदेखा करता है।
- लिंग और दिव्यांगता से जुड़ी समस्याएँ:
- PwD महिलाओं के लिए ऑनलाइन सेवाओं तक पहुँच कठिन हो सकती है, क्योंकि उन्हें संरक्षक की सहमति की आवश्यकता होगी।
- महिलाओं को डिजिटल प्लेटफार्मों पर वित्तीय और स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं तक स्वतंत्र पहुँच नहीं मिल सकती।
- डेटा गोपनीयता से जुड़े जोखिम:
- डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म संरक्षक की आवश्यकता न होने पर भी PwDs से संबंधित संवेदनशील डेटा एकत्र कर सकते हैं।
- इससे अनावश्यक डेटा संग्रह और दुरुपयोग की आशंका बढ़ जाती है।