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डिजिटल कृषि मिशन – जाने क्या है ओर इसका उद्देश्य क्या है

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल समिति ने 2817 करोड़ रुपये के बजट के साथ डिजिटल कृषि मिशन (Digital Krishi Mission) को मंजूरी दी है। इसमें केंद्र का योगदान 1940 करोड़ रुपये होगा।

डिजिटल कृषि मिशन (Digital Krishi Mission) की परिकल्पना और उद्देश्य:

डिजिटल कृषि मिशन एक व्यापक योजना के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जिसका उद्देश्य डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) का निर्माण, डिजिटल आम फसल अनुमान सर्वेक्षण (DGCS) का कार्यान्वयन और केंद्र तथा राज्य सरकारों के साथ शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों द्वारा आईटी पहलों को अपनाना है। इस मिशन का उद्देश्य किसानों के लिए प्रमाणित जनसांख्यिकीय विवरण, भूमिगत जोत, और बोई गई फसलों का एक व्यापक डेटा प्रदान करना है।

डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) के प्रमुख घटक:

डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) में निम्नलिखित तीन प्रमुख घटक शामिल हैं:

  1. एग्रीस्टैक: यह किसान-केंद्रित डिजिटल अवसंरचना है, जिसमें किसान रजिस्ट्री, भू-संदर्भित गांवों के नक्शे, और बोई गई फसल की रजिस्ट्री शामिल है। यह किसानों को एक डिजिटल पहचान (किसान आईडी) प्रदान करेगा जो विभिन्न सरकारी और निजी डेटा स्रोतों से जुड़ी होगी।
  2. कृषि निर्णय सहायता प्रणाली (DSS): यह एक व्यापक भू-स्थानिक प्रणाली है जो फसलों, मिट्टी, मौसम, और जल संसाधनों पर आधारित जानकारी प्रदान करेगी।
  3. मृदा प्रोफाइल मैपिंग: इसमें देश की लगभग 142 मिलियन हेक्टेयर कृषि भूमि के 1:10,000 के पैमाने पर विस्तृत मृदा प्रोफाइल मानचित्र तैयार किए जाएंगे।

पायलट प्रोजेक्ट और कार्यान्वयन:

  • एग्रीस्टैक की डिजिटल पहचान के लिए पायलट प्रोजेक्ट छह राज्यों में चलाए गए हैं: उत्तर प्रदेश (फर्रुखाबाद), गुजरात (गांधीनगर), महाराष्ट्र (बीड), हरियाणा (यमुना नगर), पंजाब (फतेहगढ़ साहिब), और तमिलनाडु (विरुद्धनगर)।
  • 2024-25 में 6 करोड़ किसानों के पहचान पत्र बनाने का लक्ष्य है, और 2026-27 तक कुल 11 करोड़ किसानों को डिजिटल पहचान प्रदान की जाएगी।
  • इसके साथ ही, डिजिटल फसल सर्वेक्षण का एक पायलट प्रोजेक्ट 11 राज्यों में चलाया गया है और दो साल के भीतर पूरे देश में इसे लागू करने की योजना है।

मिशन के प्रभाव और रोजगार सृजन:

  • इस मिशन से कृषि क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के रोजगार सृजित होंगे।
  • डिजिटल फसल सर्वेक्षण और अन्य पहलों के माध्यम से लगभग 5 लाख स्थानीय प्रशिक्षित युवाओं और कृषि सखियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
  • इसके अलावा, इस मिशन का उद्देश्य किसानों और कृषि क्षेत्र के हितधारकों के लिए सेवा वितरण को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाना है।

डिजिटल कृषि मिशन के लाभ और प्रभाव:

डिजिटल कृषि मिशन के विभिन्न घटकों को जमीनी स्तर पर लागू किया जाएगा, जिसका मुख्य लाभार्थी किसान होंगे। इस मिशन के तहत किसानों और कृषि क्षेत्र के हितधारकों के लिए सेवा वितरण तंत्र को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाने के लिए आधुनिक डिजिटल तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इनमें डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), और रिमोट सेंसिंग शामिल हैं। इस मिशन के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

  1. डिजिटल पहचान और सेवाओं की आसान उपलब्धता:

किसान अब डिजिटल रूप से अपनी पहचान प्रमाणित कर सकेंगे, जिससे कागजी कार्यवाहियों से छुटकारा मिलेगा। इसके कारण विभिन्न लाभ और सेवाओं को प्राप्त करना सरल हो जाएगा, जैसे:

  • सरकारी योजनाओं और फसल ऋणों का फायदा उठाना।
  • सरकारी योजनाओं और फसल ऋणों का लाभ प्राप्त करना
  • कृषि-इनपुट आपूर्तिकर्ताओं और कृषि उपज के खरीदारों के साथ संपर्क स्थापित करना
  1. सरकारी योजनाओं और सेवाओं की पारदर्शिता:

विश्वसनीय डेटा के माध्यम से सरकारी एजेंसियों को योजनाओं और सेवाओं को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी, जैसे:

  • कागज रहित एमएसपी-आधारित खरीद।
  • फसल बीमा।
  • क्रेडिट कार्ड से जुड़े फसल ऋण।
  • उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए प्रणाली का विकास।

इसके अतिरिक्त, डिजिटल फसल-बुवाई क्षेत्र के डेटा, डिजिटल आम फसल अनुमान सर्वेक्षण-आधारित उपज, और रिमोट-सेंसिंग डेटा सटीक फसल उत्पादन अनुमान लगाने और फसल विविधीकरण की योजना बनाने में मदद करेंगे।

  1. फसल मानचित्र निर्माण और आपदा प्रबंधन:

कृषि-निर्णय सहायता प्रणाली (DSS) के अंतर्गत उपलब्ध जानकारी का उपयोग निम्नलिखित में किया जाएगा:

  • फसल बुवाई के पैटर्न की पहचान।
  • सूखा और बाढ़ की निगरानी।
  • फसल बीमा दावों के निपटान के लिए प्रौद्योगिकी और मॉडल-आधारित उपज मूल्यांकन
  1. कुशल मूल्य शृंखला और सलाहकार सेवाएं:

  • डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के विकास से कृषि इकोसिस्टम में हितधारकों को कृषि इनपुट और कटाई के बाद की प्रक्रियाओं के लिए एक कुशल मूल्य शृंखला स्थापित करने में मदद मिलेगी।
  • इसके साथ ही, फसल नियोजन, फसल स्वास्थ्य, कीट और रोग प्रबंधन, और सिंचाई आवश्यकताओं के संबंध में किसानों को अनुकूलित सलाहकार सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
  • इससे किसानों को सर्वोत्तम और समयबद्ध मार्गदर्शन मिलेगा, जो उनकी उत्पादकता और लाभप्रदता को बढ़ाएगा।

निष्कर्ष:

डिजिटल कृषि मिशन भारत की कृषि क्षेत्र में एक क्रांति ला सकता है। हालांकि, इस मिशन को सफल बनाने के लिए सरकार को किसानों को प्रशिक्षित करने, इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने और सस्ती तकनीक विकसित करने पर ध्यान देना होगा।

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