Download Today Current Affairs PDF
दिसंबर 2024 के पहले सप्ताह में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में अज्ञात बीमारी के प्रकोप ने 400 से अधिक लोगों की जान ले ली, जिसे ‘डिजीज एक्स’ होने का संदेह है।
डिजीज एक्स क्या है?
- डिजीज एक्स एक काल्पनिक शब्द है, जिसे 2018 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पेश किया था।
- यह एक अज्ञात रोगजनक (पैथोजन) को संदर्भित करता है, जो वैश्विक महामारी या महामारी का कारण बन सकता है।
- उत्पत्ति: यह शब्द 2014-2016 के पश्चिम अफ्रीका में इबोला प्रकोप के बाद प्रासंगिक हुआ, जिसने महामारी की तैयारी में खामियों को उजागर किया।
- अर्थ:
- ज्ञात अज्ञात (Known Unknowns): ऐसे खतरे जिनके बारे में हमें जानकारी है, लेकिन हम उन्हें पूरी तरह से नहीं समझते।
- अज्ञात (Unknowns): ऐसे खतरे जिनके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है।
डिजीज एक्स क्यों है चिंताजनक ?
- अनिश्चितता: डिजीज एक्स की उत्पत्ति, प्रसार और प्रभाव अप्रत्याशित हैं, जिससे इसकी तैयारी करना मुश्किल हो जाता है।
- वैश्वीकृत दुनिया: बढ़ती यात्रा, व्यापार और परस्पर जुड़ाव के कारण रोगों का विश्व स्तर पर तेजी से फैलना आसान हो गया है।
- पर्यावरणीय कारक: वनों की कटाई, शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन पारिस्थितिक तंत्र को प्रभावित कर रहे हैं, जिससे जानवरों से फैलने वाले रोगों का खतरा बढ़ गया है।
- सीमित जानकारी: हम उन रोगजनकों का केवल एक छोटा हिस्सा जानते हैं, जो संभावित रूप से मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं।
डिजीज एक्स के कारण:
- रोगजनक प्रकार: यह वायरस, बैक्टीरिया, परजीवी, फंगस, प्रायन या अन्य सूक्ष्मजीव हो सकते हैं।
- ज़ूनोटिक स्पिलओवर:
- अधिकांश उभरती बीमारियां (70%) जानवरों से फैलती हैं। इसके प्रमुख कारण हैं:
- वनों की कटाई
- मानवों द्वारा वन्यजीव आवासों में अतिक्रमण
- कृषि का विस्तार
- अधिकांश उभरती बीमारियां (70%) जानवरों से फैलती हैं। इसके प्रमुख कारण हैं:
- अन्य जोखिम:
- एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध
- प्रयोगशाला से रिसाव
- जैविक आतंकवाद
- जलवायु परिवर्तन, जो रोगों के फैलाव को प्रभावित करता है।
डिजीज एक्स की भविष्यवाणी और तैयारी में चुनौतियाँ:
- अप्रत्याशित उभरना: नए रोगों के उभरने वाले कारकों की जटिलता के कारण उनकी भविष्यवाणी करना कठिन है।
- विस्तृत रोगजनक भंडार: वन्यजीवों में लाखों अज्ञात वायरस हैं, जो मनुष्यों तक फैलने की क्षमता रखते हैं।
- जलवायु परिवर्तन: यह रोगों के फैलाव के स्वरूप को बदल रहा है और वेक्टर जनित बीमारियों की सीमा को बढ़ा रहा है।
- संसाधनों की असमानता: देशों के बीच स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे में अंतर प्रभावी प्रतिक्रिया में बाधा डाल सकता है।
वैश्विक और राष्ट्रीय पहलें:
- WHO की प्राथमिक रोगजनक सूची: डिजीज एक्स को इस सूची में शामिल करना शोध और चिकित्सा उपायों के विकास की आवश्यकता को दर्शाता है।
- वैश्विक पहल: WHO महामारी संधि, महामारी कोष, mRNA तकनीक केंद्र और अन्य पहलें वैश्विक सहयोग और तैयारी को मजबूत करने के लिए काम कर रही हैं।
- भारतीय पहलें: भारत में IDSP (एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम), राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान और बायोटेक अनुसंधान कार्यक्रम जैसे प्रयास रोगों की निगरानी, शोध और वैक्सीन विकास पर केंद्रित हैं।