Drone warfare
Drone warfare
संदर्भ:
यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब‘ नामक एक संगठित ड्रोन हमले को अंजाम दिया। यह हमला रूस के भीतर पांच प्रमुख वायुसेना ठिकानों — बेलाया, ड्यागिलेवो, इवानोवो सैवर्नी, ओलेन्या और यूक्रेनका — पर किया गया।
- ड्रोन हमलों कोरूसी क्षेत्र में छिपे ट्रकों से लॉन्च किया गया था, जिनका निशाना रूसी वायुसेना की दीर्घ दूरी तक हमले करने वाली विमानन संपत्तियाँ (Long-Range Aviation assets) थीं।
क्या हैं FPV ड्रोन?
- FPV (First-Person View) ड्रोन ऐसे छोटे आकार के ड्रोन होते हैं जिनमें सामने कैमरा लगा होता है।
- यह कैमरा लाइव वीडियो फीड ऑपरेटर तक भेजता है, जिससे ऑपरेटर को ड्रोन के दृष्टिकोण से दृश्य दिखता है।
- इससे ड्रोन को बेहद सटीकता और नियंत्रण के साथ उड़ाया जा सकता है, बिल्कुल जैसे कोई विमान।
तकनीकी विशेषताएं:
- कैमरा फीड को रियल–टाइम में ऑपरेटर तक पहुंचाया जाता है।
- ऑपरेटर आमतौर पर वीआर हेडसेट या मॉनिटर की सहायता से ड्रोन को नियंत्रित करता है।
- इन ड्रोन की उड़ान शैली अधिक गतिशील और आक्रामक होती है, इसलिए इनका प्रयोग अक्सर सटीक हमलों या निगरानी में किया जाता है।
ड्रोन युद्ध की असममितता कैसे उभरती है?
- ड्रोन तकनीक ने युद्ध को कम लागत में अधिक प्रभाव डालने वाला बना दिया है।
- छोटे समूह भी अब कम तकनीकी और सस्ते ड्रोन से भारी सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- FPV ड्रोन, कामिकाजे ड्रोन और स्वायत्त ड्रोनों का उपयोग विद्रोही और आतंकवादी संगठनों द्वारा किया जा रहा है।
ड्रोन का आधुनिक युद्ध में उपयोग
- 21वीं सदी की शुरुआत में:
- अमेरिका ने सबसे पहले ड्रोन स्ट्राइक का व्यापक उपयोग किया, खासकर अफगानिस्तान, पाकिस्तान, सीरिया, सोमालिया, यमन और लीबिया जैसे देशों में।
- इन हमलों में एयर-टू-सर्फेस मिसाइलों का इस्तेमाल जमीन पर मौजूद आतंकवादियों और विद्रोहियों को निशाना बनाने के लिए किया गया।
अन्य देशों द्वारा अपनाना:
- रूस, यूक्रेन, तुर्की, अजरबैजान और ईरान जैसे देश भी अपने सैन्य अभियानों में ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं।
- ये देश ड्रोन का इस्तेमाल निगरानी, सटीक हमले और युद्ध क्षेत्र की खुफिया जानकारी के लिए करते हैं।
गैर–राज्यीय समूह:
- यमन के हूती विद्रोही जैसे गैर-राज्यीय समूह भी ड्रोन का इस्तेमाल असममित युद्ध (असिमेट्रिक वारफेयर) में कर रहे हैं।
भारत में ड्रोन का उपयोग:
- भारत ने भी ड्रोन का इस्तेमाल आतंकवाद रोधी और सैन्य अभियानों में किया है, जैसे कि ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिशोधी हमलों में।
- ड्रोन के उपयोग से भारत की सटीक निशाना साधने और वास्तविक समय में खुफिया जानकारी हासिल करने की क्षमता बढ़ी है।
युद्ध में ड्रोन के उपयोग का महत्व:
- लक्षित और सटीक हमले
- सैन्य कर्मियों के लिए जोखिम में कमी
- कम लागत वाली युद्ध और निगरानी प्रणाली
- वास्तविक समय खुफिया और निगरानी क्षमता
- विषम और संकर युद्ध में रणनीतिक बढ़त