संदर्भ:
समानिकरण उपकर: केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से 6% समानीकरण शुल्क (Equalisation Levy/ Google Tax) समाप्त करने का प्रस्ताव रखा है। यह कदम प्रमुख अमेरिकी टेक कंपनियों को लाभ पहुंचाएगा और भारत–अमेरिका व्यापार संबंधों में सुधार करेगा।
समानिकरण उपकर (Equalisation Levy – Digital Services Tax):
- परिचय: समानिकरण उपकर (Equalisation Levy / Google Tax) एक डिजिटल कर है, जिसे केंद्रीय बजट 2016 में पेश किया गया था। इसका उद्देश्य डिजिटल लेनदेन पर कर लगाना और गैर–स्थानीय ई–कॉमर्स कंपनियों को कर व्यवस्था के दायरे में लाना था।
- समानिकरण उपकर की आवश्यकता:
- डिजिटल कंपनियों का डेटा उपयोग: ये कंपनियाँ उपयोगकर्ताओं द्वारा उत्पन्न डेटा का उपयोग करके डिजिटल विज्ञापन से भारी राजस्व अर्जित करती हैं।
- स्रोत देश में कर दायित्व की कमी: डिजिटल कंपनियाँ किसी देश में डेटा उत्पन्न कर कमाई तो करती हैं, लेकिन वहां उचित कर नहीं चुकातीं।
- स्थानीय और विदेशी ई–कॉमर्स कंपनियों के बीच संतुलन: स्थानीय कंपनियों और विदेशी डिजिटल कंपनियों के बीच समान प्रतिस्पर्धा (Level Playing Field) सुनिश्चित करने के लिए यह कर लगाया गया।
समानिकरण उपकर (Equalisation Levy) का प्रावधान:
- 6% का समानिकरण उपकर उन विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की आय पर लागू होता है, जो भारत में स्थायी रूप से पंजीकृत नहीं हैं।
- भारत में स्थित कोई भी व्यक्ति या संस्था, जो किसी ग़ैर-स्थायी प्रौद्योगिकी कंपनी (जैसे Google) को व्यवसाय-से-व्यवसाय (B2B) लेनदेन के लिए एक वित्तीय वर्ष में 1 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करती है, उसे 6% कर काटकर भुगतान करना होता है।
- इसे “Google Tax” भी कहा जाता है, क्योंकि इसने Google, Meta और Amazon जैसी विदेशी डिजिटल कंपनियों को प्रभावित किया।
समानिकरण उपकर समाप्त करने के कारण:
- अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव:
- अमेरिका ने इसे “भेदभावपूर्ण और अनुचित” बताते हुए अमेरिकी टेक कंपनियों के खिलाफ़ पक्षपाती कर करार दिया।
- अमेरिका की एक वर्ष लंबी जांच में निष्कर्ष निकला कि कई देशों (भारत सहित) द्वारा लगाया गया डिजिटल सेवा कर अंतरराष्ट्रीय कर मानकों के विरुद्ध है।
- वैश्विक कर सुधारों के साथ तालमेल:
- भारत, अमेरिका और OECD/G20 देशोंने अक्टूबर 2021 में डिजिटल अर्थव्यवस्था के कराधान में सुधार के लिए दो-स्तरीय ढांचे पर सहमति जताई।
- भारत ने 2024 में पहले ही ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर 2% समानिकरण उपकर हटा दिया था, और इस कदम से वैश्विक कर सुधार प्रयासों के प्रति समर्थन स्पष्ट हुआ।
- विदेशी निवेश को प्रोत्साहन:
- EL हटाने से भारत ने विदेशी कंपनियों के प्रति अनुकूल नीति अपनाने का संकेत दिया, जिससे तकनीकी क्षेत्र में निवेश बढ़ने की संभावना है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम संभावित अमेरिकी व्यापार प्रतिबंधों को रोक सकता है, जो भारतीय निर्यात को प्रभावित कर सकते थे।