Etalin project
Etalin project –
संदर्भ:
पर्यावरण मंत्रालय की फॉरेस्ट एडवाइजरी कमेटी (FAC) ने 3,097 मेगावाट क्षमता वाली इतालिन जलविद्युत परियोजना को सैद्धांतिक वन स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह निर्णय पूर्व में पर्यावरणीय चिंताओं के चलते की गई अस्वीकृति के बावजूद लिया गया है। परियोजना अरुणाचल प्रदेश में स्थित है और इसे लेकर जैव विविधता पर संभावित प्रभाव को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है।
एटालिन जलविद्युत परियोजना (Etalin Hydropower Project)
स्थिति: यह परियोजना अरुणाचल प्रदेश के दिबांग घाटी क्षेत्र में प्रस्तावित है। इसे द्री नदी और तालो नदी (जो स्थानीय रूप में दिबांग नदी के नाम से जानी जाती है) पर बनाया जाना है।
प्रमुख विशेषताएँ:
- यह भारत की सबसे बड़ी प्रस्तावित जलविद्युत परियोजनाओं में से एक है (उत्पादन क्षमता के आधार पर)।
- यह एक रन–ऑफ–द–रिवर परियोजना होगी, जिसमें जल को संग्रहित (storage) नहीं किया जाएगा।
- यह परियोजना जिंदल पावर लिमिटेड और हाइड्रोपावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ अरुणाचल प्रदेश लिमिटेड के बीच संयुक्त उद्यम (Joint Venture) है।
परियोजना के प्रभाव (Implications of the Project)
- पर्यावरणीय प्रभाव (Environmental Impact):
- इस परियोजना के लिए लगभग 1,175 हेक्टेयर वन भूमि को मोड़ा जाएगा।
- इसमें करीब 78 लाख पेड़ों की कटाई होगी।
- यह क्षेत्र जैव विविधता (Biodiversity) से भरपूर है और बाघ (Tiger) तथा हिम तेंदुए (Snow Leopard) जैसे दुर्लभ जीव यहाँ पाए जाते हैं।
- पक्षी विविधता:
- यह क्षेत्र भारत की कुल पक्षी प्रजातियों 56% हिस्सा समेटे हुए है।
- इसलिए यह स्थान महत्वपूर्ण जैव विविधता हॉटस्पॉट माना जाता है।
- स्थानीय समुदाय का विरोध:
- परियोजना को स्थानीय इडु मिश्मी समुदाय (Idu Mishmi Tribe) का विरोध मिला है।
- साथ ही, पर्यावरणीय आकलन रिपोर्ट (Environmental Assessment Reports) को लेकर भी चिंताएँ हैं – खासकर इसकी अद्यतन (updated) न होने को लेकर।