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फेडरल रिजर्व

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अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) की कटौती की है। अब ब्याज दरें 4.25% से 4.50% के बीच रहेंगी। इस साल ये तीसरा मौका है जब फेड ने ब्याज दरों में कटौती की है। इससे पहले 18 सितंबर और 8 नंबर को फेड ने इंटरेस्ट रेट्स में 25 (0.25%) और 50 बेसिस पॉइंट्स (0.50%) की कटौती की थी।

मुख्य बिंदु:

  • फेडरल रिजर्व ने इस वर्ष तीसरी और अंतिम बार ब्याज दरों में कटौती की है।
  • 2025 में, फेड दो बार ब्याज दरों में कटौती की संभावना जता रहा है, जो पहले अनुमानित चार कटौतियों से कम है।
  • नीति निर्माताओं ने 2025 में महंगाई दर में वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो वर्ष के अंत तक 5% तक पहुंच सकती है।

फेडरल रिजर्व सिस्टम (FED) के बारे में :

  1. फेडरल रिजर्व सिस्टम क्या है?
    • फेडरल रिजर्व सिस्टम (FRS) अमेरिका का केंद्रीय बैंक है।
    • इसे “Fed” के नाम से भी जाना जाता है और यह दुनिया की सबसे प्रभावशाली वित्तीय संस्थाओं में से एक है।
  2. स्थापना:
    • फेड की स्थापना फेडरल रिजर्व एक्ट के तहत 23 दिसंबर, 1913 को की गई थी।
    • यह अधिनियम तत्कालीन राष्ट्रपति वुडरो विल्सन द्वारा वित्तीय संकट (1907) के जवाब में हस्ताक्षरित किया गया था।
    • इससे पहले, अमेरिका एकमात्र प्रमुख वित्तीय शक्ति थी जिसके पास केंद्रीय बैंक नहीं था।
  3. स्थापना का उद्देश्य: देश को एक सुरक्षित, लचीला और स्थिर मौद्रिक और वित्तीय प्रणाली प्रदान करना।
  4. संरचना:
    • फेड के पास 7 सदस्यीय बोर्ड है।
    • इसमें 12 फेडरल रिजर्व बैंक शामिल हैं, जो अलग-अलग जिलों में काम करते हैं और उनके अपने-अपने अध्यक्ष होते हैं।

ब्याज दरों में कटौती के कारण:

  1. आर्थिक मंदी का खतरा: हाल के महीनों में अमेरिका में उपभोक्ता खर्च और औद्योगिक उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है।
  2. वैश्विक अनिश्चितता: अंतरराष्ट्रीय व्यापार में तनाव और अन्य वैश्विक कारकों ने इस निर्णय को प्रभावित किया।
  3. बेरोजगारी: श्रम बाजार में सुधार की धीमी गति ने फेड को ब्याज दरों को घटाने के लिए प्रेरित किया।

अमेरिका में मुद्रास्फीति (नवंबर 2024):

  • वार्षिक मुद्रास्फीति: 7% (अक्टूबर में 2.6% से बढ़कर)।

मुख्य कारण:

  • खाद्य कीमतों में वृद्धि (4% बनाम 2.1%)।
  • ऊर्जा लागत में कम गिरावट (-2% बनाम -4.9%)।
  • नए वाहनों की कीमतों में मामूली गिरावट (-7% बनाम -1.3%)।
  • आवास की लागत 3% बढ़ी, जो मासिक वृद्धि का 40% है।
  • गिरावट:
    • आवास मुद्रास्फीति में कमी (7% बनाम 4.9%)।
    • परिवहन मुद्रास्फीति घटी (1% बनाम 8.2%)।
    • उपयोग किए गए वाहनों की कीमतों में और गिरावट (-4%)।

भारत पर प्रभाव:

  1. विदेशी निवेश में वृद्धि: अमेरिका में ब्याज दरों में गिरावट से विदेशी निवेशक अमेरिका से सस्ते कर्ज लेकर भारत में निवेश कर सकते हैं।
  2. रुपये की मजबूती: अमेरिकी ब्याज दरें गिरने से डॉलर कमजोर हो सकता है, जिससे भारतीय रुपया मजबूत हो सकता है।
  3. RBI की ब्याज दर पर निर्णय: अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में कटौती का प्रभाव भारत पर सीधे नहीं पड़ेगा।
    • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का ध्यान मुख्यतः मुद्रास्फीति नियंत्रण और GDP वृद्धि पर होता है, न कि बेरोजगारी दर पर।

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