Apni Pathshala

ग्लोबल बायो इंडिया 2024

Download Today Current Affairs PDF

हाल ही में ग्लोबल बायो इंडिया 2024 के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने “ग्लोबल बायो इंडिया ने 30 अभिनव स्टार्टअप्स का शुभारंभ किया है, जो जैव प्रौद्योगिकी के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेंगे।”

भारत की जैव अर्थव्यवस्था की प्रगति:

  • भारत की जैव अर्थव्यवस्था ने 2014 में 10 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2024 में 130 बिलियन डॉलर से अधिक का आंकड़ा छू लिया है।
  • इसके साथ ही, 2030 तक इस क्षेत्र के 300 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की संभावना व्यक्त की गई है।

भारत की आर्थिक भूमिका में जैव प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका:

  • सभी-समावेशी विकास: जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र को भारत के 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में प्रमुख योगदानकर्ता माना जाता है।
  • विश्व स्तरीय केंद्र: भारत दुनिया के शीर्ष-12 जैव प्रौद्योगिकी गंतव्यों में शामिल है और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तीसरा सबसे बड़ा जैव प्रौद्योगिकी गंतव्य है।
  • वर्तमान स्थिति: भारत के जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र की वैश्विक जैव प्रौद्योगिकी उद्योग में 3% हिस्सेदारी है।

Enroll Now: https://tests.apnipathshala.com/exams/ssc/531

आर्थिक वृद्धि और भविष्य की योजनाएँ:

  • वर्तमान स्थिति: 2022 में, भारत वैश्विक स्तर पर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया और मध्य और दक्षिणी एशिया में शीर्ष नवाचार अर्थव्यवस्था के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  • भविष्य की योजना: भारत@2047 के लिए “अमृत काल विजन” का लक्ष्य 32.8 ट्रिलियन डॉलर का जीडीपी है, जो विनिर्माण और सेवाओं जैसे रोजगार-गहन क्षेत्रों पर केंद्रित है।

पर्यावरणीय पहल और स्थायित्व:

  • चक्रीय अर्थव्यवस्था: भारत एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है, और “नेट ज़ीरो” कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है।
  • LiFE अभियान: माननीय प्रधान मंत्री द्वारा शुरू किया गया “पर्यावरण के लिए जीवनशैली (LiFE)” अभियान सभी को जीवन के सभी पहलुओं में पर्यावरण के अनुकूल समाधान अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र की वृद्धि:

  • वर्तमान मूल्य और लक्ष्य: 2023 में, भारतीय जैव प्रौद्योगिकी उद्योग का मूल्य 151.1 बिलियन डॉलर था और 2030 तक इसे 300 बिलियन डॉलर के राष्ट्रीय लक्ष्य तक पहुँचने का अनुमान है।
  • विकास की प्रेरक शक्ति: 600 से अधिक जैव प्रौद्योगिकी कंपनियाँ और 8,500 जैव प्रौद्योगिकी स्टार्टअप इस क्षेत्र को आगे बढ़ा रहे हैं।

भारत सरकार की नीतियाँ और पहल:

  • नीतिगत पहल: स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया कार्यक्रमों के तहत भारत को विश्व स्तरीय जैव प्रौद्योगिकी और जैव-विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है।
  • जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT): इस विभाग का लक्ष्य एक सर्कुलर बायोइकोनॉमी को सक्षम करने के लिए उच्च-प्रदर्शन जैव विनिर्माण को बढ़ावा देना है।

उद्देश्य और प्राथमिकताएँ:

  • साझेदारी और नीतिगत चर्चाएँ: प्रमुख बायोटेक नवाचारों, उत्पादों, सेवाओं और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करना और उनकी पहचान करना।
  • वित्तपोषण और सहयोग: जैव विनिर्माण और जैव प्रौद्योगिकी नवाचारों के लिए वित्तपोषण और सहयोग के अवसरों की पहचान करना।
  • लाइसेंसिंग विकल्प: मौजूदा उत्पादों के लिए लाइसेंसिंग विकल्पों का अन्वेषण करना।
  • अनुबंध परियोजनाएँ और उद्यम निधि: अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों से प्रमुख अनुबंध परियोजनाओं और वैश्विक उद्यम निधि को भारत में आकर्षित करना।
  • निवेश मंच: नए विचारों के मूल्यांकन और निवेश के लिए मंच तैयार करना।
  • राज्य सरकारों के अवसर: भारतीय राज्य सरकारों के लिए अपने-अपने राज्यों में विदेशी निवेश आकर्षित करने का अवसर प्रदान करना।

क्षेत्रीय और वैश्विक चर्चा:

  • उप-क्षेत्रों पर चर्चा: जैव-फार्मा, जैव-कृषि, जैव-औद्योगिक, जैव-ऊर्जा, जैव-विनिर्माण, जैव-सेवाएँ आदि सहित सभी उप-क्षेत्रों में प्रमुख प्रवृत्तियों और नीतिगत हस्तक्षेपों पर चर्चा करना।
  • अंतर्राष्ट्रीय कनेक्ट: भारतीय जैव प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को अंतर्राष्ट्रीय पारिस्थितिकी तंत्र से जोड़ना।

साझेदारी और नेटवर्किंग:

  • शिक्षण मंच: सफल कंपनियों और भौगोलिक क्षेत्रों के अनुभवों को साझा करने के लिए शिक्षण मंच का संचालन करना।
  • संवाद को बढ़ावा देना: अनुसंधान संस्थानों और उद्योग के बीच बातचीत को सुविधाजनक बनाना।
  • साझेदारों की तलाश: समावेशी विकास और जीवन में बदलाव लाने के लिए साझेदारों की तलाश करना।

ग्लोबल बायो इंडिया 2024 :

ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र के हितधारकों का एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है। इसमें अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, विनियामक निकायों, केंद्रीय और राज्य सरकारों, छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs), बड़े उद्योगों, बायोक्लस्टरों, शोध संस्थानों, निवेशकों और स्टार्टअप्स का समावेश होता है। यह वार्षिक आयोजन जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) द्वारा आयोजित किया जाता है। BIRAC जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार का एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के जैव प्रौद्योगिकी विकास और अवसरों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना है।

  • कार्यक्रम का फोकस: ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 में जैव-विनिर्माण, क्षमता निर्माण, नैदानिक ​​परीक्षण, औषधि खोज, विनियमन और नीतियों के क्षेत्रों में अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी।
  • मुख्य घटक: इस आयोजन में तकनीकी सत्र, नीति संवाद, बायोटेक प्रदर्शनी, स्टार्टअप पैवेलियन, बी2बी बैठकें और अनुसंधान एवं विकास के लिए सहयोग और वित्त पोषण के अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

भविष्य की दिशा और समावेशी विकास:

  • नवाचार और बायो-एनेबलर्स: कार्यक्रम का फोकस बायो-एनेबलर्स और बायोमैन्युफैक्चरिंग हब, बायो-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) हब पर होगा, जो जैव-परिवर्तन की सुविधा प्रदान करेंगे।
  • जैव सुरक्षा और नैतिकता: जैव सुरक्षा, नैतिकता और समावेशी विकास पर जोर दिया जाएगा, क्योंकि क्षेत्र अपनी उद्यमशीलता की गति को तेज करना चाहता है।

निष्कर्ष:
भारत का जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र सरकारी समर्थन और स्थायित्व के साथ तेजी से बढ़ रहा है, जो इसके भविष्य को आशाजनक बनाता है।

Explore our courses: https://apnipathshala.com/courses/

Explore Our test Series: https://tests.apnipathshala.com/

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Posts

Scroll to Top