Global Environment Facility
संदर्भ:
एक नई अध्ययन रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जैव विविधता संरक्षण के लिए मिले फंड, विशेष रूप से ग्लोबल एनवायरनमेंट फैसिलिटी (GEF) से प्राप्त सहायता, आदिवासी और स्थानीय समुदायों (IPLC) तक प्रभावी रूप से नहीं पहुंच पा रही है। ये समुदाय प्रकृति संरक्षण के प्रमुख संरक्षक माने जाते हैं, लेकिन वित्तीय सहायता से वंचित रह जाने के कारण उनके प्रयासों को अपेक्षित समर्थन नहीं मिल पा रहा है।
Global Environment Facility (GEF):
स्थापना: GEF की स्थापना 1992 में रियो अर्थ समिट के दौरान हुई, जो वैश्विक पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
संचालन: GEF की मुख्य संचालन संस्था है GEF काउंसिल, जो वित्त पोषित कार्यक्रमों के लिए नीतियाँ बनाती, अपनाती और उनका मूल्यांकन करती है।
प्रमुख कार्य:
GEF पाँच महत्वपूर्ण पर्यावरणीय कन्वेंशनों के लिए वित्तीय तंत्र के रूप में कार्य करता है:
- जैव विविधता कन्वेंशन (Convention on Biological Diversity – CBD)
- जलवायु परिवर्तन के लिए संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC)
- स्टॉकहोम कन्वेंशन ऑन पर्सिस्टेंट ऑर्गेनिक पोल्यूटेंट्स (Stockholm Convention on POPs)
- रेगिस्तानकरण से लड़ने के लिए संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCCD)
- मिनामाटा कन्वेंशन ऑन मरकरी (Minamata Convention on Mercury)
GEF ट्रस्टी: विश्व बैंक (World Bank) GEF ट्रस्टी है, जो GEF ट्रस्ट फंड का प्रबंधन, संसाधन जुटाना, निधि वितरण और वित्तीय रिपोर्ट तैयार करता है।
सदस्य देश: GEF के सदस्य देशों की संख्या 186 है, जिसमें भारत भी शामिल है, जो इसके वैश्विक प्रभाव और सहयोग को दर्शाता है।