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संदर्भ:
हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) ने वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 2025 जारी की है। यह रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर सामने आने वाले प्रमुख जोखिमों और चुनौतियों का विश्लेषण प्रस्तुत करती है। इसमें आर्थिक, पर्यावरणीय, सामाजिक और भू-राजनीतिक खतरों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 2025 के प्रमुख बिंदु
भारत के शीर्ष जोखिम:
- जल आपूर्ति की कमी
- गलत सूचना और दुष्प्रचार
- मानवाधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता का ह्रास
- वायु, जल और भूमि प्रदूषण
- श्रम और प्रतिभा की कमी
भारत, एक महत्वपूर्ण वैश्विक खिलाड़ी होने के नाते, व्यापार मार्गों और ऊर्जा सुरक्षा पर संभावित व्यवधानों का सामना कर सकता है, जो रणनीतिक क्षेत्रों में अस्थिरता के कारण उत्पन्न होते हैं।
राज्य–आधारित सशस्त्र संघर्ष:
- 2025 के लिए तत्काल जोखिम, बढ़ते भू-राजनीतिक विभाजन को दर्शाता है।
- चरम मौसम घटनाएं:
- दीर्घकालिक जोखिम में शीर्ष स्थान पर।
- पिछले 50 वर्षों में मुद्रास्फीति समायोजित लागतों में 77% वृद्धि हुई है।
- स्वल्पकालिक जोखिम (2025-2027):
- चरम मौसम दूसरी सबसे गंभीर वैश्विक चुनौती।
- 28 देशों में शीर्ष 5 जोखिमों में शामिल, जबकि 2024 में यह संख्या 24 थी।
- क्षेत्रीय प्रभाव: अमेरिका में लॉस एंजिल्स जैसे क्षेत्रों में जंगल की आग से संभावित नुकसान $200 बिलियन से अधिक हो सकता है।
- व्यापक प्रभाव: जलवायु परिवर्तन अनैच्छिक प्रवासन जैसे अन्य वैश्विक जोखिमों को भी प्रभावित कर रहा है, जो अल्पकालिक जोखिमों में आठवें स्थान पर है।
- कार्रवाई की अपील: रिपोर्ट वैश्विक पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों पर जोर देती है, जो WEF वार्षिक बैठक के विषय “सहयोगात्मक बुद्धिमान युग” के अनुरूप देखा गया।
विश्व आर्थिक मंच (WEF)
परिचय:
विश्व आर्थिक मंच (WEF) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो सार्वजनिक-निजी सहयोग को बढ़ावा देता है। इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में स्थित है। यह विभिन्न उद्योगों, क्षेत्रों और वैश्विक स्तर पर नेताओं को नीतियों और एजेंडों को आकार देने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
स्थापना:
- इसकी स्थापना क्लाउस श्वाब द्वारा 1971 में यूरोपीय प्रबंधन मंच (European Management Forum) के रूप में की गई थी।
- WEF केवल शेयरधारकों के अल्पकालिक लाभ पर नहीं, बल्कि सभी हितधारकों के दीर्घकालिक लाभ पर ध्यान केंद्रित करता है।
विकास यात्रा:
- 1973 में, इसने अपने फोकस को आर्थिक और सामाजिक मुद्दों तक विस्तारित किया।
- 1975 में, इसने दुनिया की शीर्ष 1,000 कंपनियों के लिए सदस्यता शुरू की।
- 1987 में, इसका नाम बदलकर वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम कर दिया गया, जिससे यह संवाद के एक व्यापक मंच के रूप में विकसित हुआ।
- 2015 में इसे एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में मान्यता मिली।
प्रमुख रिपोर्ट्स:
- ग्लोबल कॉम्पिटिटिवनेस इंडेक्स (Global Competitiveness Index)
- ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स (Global Gender Gap Index)
- एनर्जी ट्रांजिशन इंडेक्स (Energy Transition Index)
- ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट (Global Risk Report) –
- ग्लोबल ट्रैवल एंड टूरिज्म कॉम्पिटिटिवनेस इंडेक्स (Global Travel and Tourism Competitiveness Index)