GST Collection Rises by 16.4% in May 2025
सामान्य अध्ययन पेपर III: सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, विकास एवं प्रगति |
GST Collection Rises by 16.4% in May 2025
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जीएसटी नेटवर्क ने मई 2025 का संग्रह आंकड़ा जारी किया। लगातार दूसरे महीने जीएसटी संग्रह ₹2 लाख करोड़ से ऊपर रहा। अप्रैल में ₹2.37 लाख करोड़ का रिकॉर्ड बना था। मई में 16.4% की वृद्धि के साथ ₹2.01 लाख करोड़ एकत्र हुए।
मई 2025 में GST संग्रहण से संबंधित आंकड़े
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- GST संग्रह:
- मई 2025 का वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रहण ₹2.01 लाख करोड़ रहा, जो अप्रैल 2025 के ₹2.36 लाख करोड़ के मुकाबले कुछ कम है, लेकिन पिछले वर्ष मई 2024 की तुलना में 16.4% अधिक रहा।
- GST संग्रह:
- विभिन्न कर:
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- केंद्रीय GST (CGST): ₹35,434 करोड़
- राज्य GST (SGST): ₹43,902 करोड़
- एकीकृत GST (IGST): ₹1,08,836 करोड़
- उपकर (Cess): ₹12,879 करोड़
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- घरेलू और आयात लेन-देन:
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- मई 2025 में घरेलू लेन-देन से प्राप्त GST संग्रह में 13.7% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई। इसके विपरीत, आयात पर आधारित GST संग्रह में 25.2% की भारी वृद्धि देखी गई।
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- रिफंड:
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- नेट GST संग्रहण, यानी रिफंड के बाद की राशि, ₹1.74 लाख करोड़ रही जो 20.4% की वार्षिक वृद्धि दर्शाता है।
- इस माह अधिकतम ₹27,210 करोड़ के रिफंड जारी हुए, जिसमें से:
- CGST: ₹4,243 करोड़
- SGST: ₹5,391 करोड़
- IGST: ₹17,159 करोड़
- Cess: ₹417 करोड़
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- राज्यवार:
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- इस माह अधिकांश राज्यों में GST संग्रहण में वृद्धि दर्ज की गई।
- महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में 17% से 25% की वृद्धि देखी गई।
- गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों में वृद्धि केवल 6% तक रही।
- मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में मध्यम स्तर की 10% वृद्धि दर्ज की गई।
- कुछ राज्यों में GST संग्रहण में गिरावट दर्ज की गई:
- उत्तराखंड: –13%
- मिज़ोरम: –26%
- दादरा नगर हवेली और दमन दीव: –6%
- आंध्र प्रदेश: –2%
- इस माह अधिकांश राज्यों में GST संग्रहण में वृद्धि दर्ज की गई।
वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रहण क्या है?
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- परिचय:
- GST संग्रहण से तात्पर्य है वह कुल राशि जो केंद्र और राज्य सरकारें वस्तुओं और सेवाओं पर लगाए गए एकीकृत कर के माध्यम से एकत्र करती हैं।
- इसमें विभिन्न केंद्रीय, राज्य कर और उपकर (Cess) शामिल होते हैं।
- यह संग्रहण देशभर में विक्रेताओं, उत्पादकों और सेवा प्रदाताओं द्वारा सरकार को भुगतान के रूप में किया जाता है।
- इस प्रक्रिया के अंतर्गत, व्यापारिक इकाइयाँ हर माह अपनी बिक्री और खरीद का विवरण पोर्टल पर दर्ज करती हैं, जिसके आधार पर कर राशि का भुगतान होता है।
- वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रहण किसी देश की आर्थिक मजबूती और राजस्व प्रणाली की दक्षता का अहम सूचक होता है।
- यह सरकार की आय का स्रोत होता हैं। इससे देश की उपभोक्ता मांग, व्यापारिक गतिविधियों और कर अनुपालन की स्थिति का भी अनुमान लगाया जाता है।
- परिचय:
- श्रेणियाँ:
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- CGST: केंद्र सरकार को मिलने वाला कर, जो राज्यों के भीतर आपूर्ति पर लगाया जाता है।
- SGST: राज्यों को मिलने वाला कर, जो उसी राज्य की सीमा में आपूर्ति पर लगता है।
- IGST: राज्यों के बीच या विदेश से आयात पर लगाया गया कर, जिसे केंद्र एकत्र करता है और फिर राज्यों में बाँटता है।
- Cess: विशिष्ट वस्तुओं (जैसे लक्ज़री कार, तंबाकू) पर अतिरिक्त कर, जिसका उपयोग मुआवजा देने में होता है।
- श्रेणियों का सम्मिलित रूप GST संग्रहण कहलाता है।
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- कार्यप्रणाली:
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- GST संग्रहण की प्रक्रिया मुख्यतः GST नेटवर्क (GSTN) के माध्यम से संचालित होती है।
- प्रत्येक पंजीकृत कारोबारी को मासिक रिटर्न फाइल करना होता है।
- इस रिटर्न में उसकी कुल बिक्री, इनवॉइस और कर योग्य लेन-देन का विवरण होता है।
- GST पोर्टल स्वतः इन आंकड़ों को संसाधित करता है और कर देनदारी तय करता है।
- व्यापारी निर्धारित तिथि से पूर्व GST की राशि ऑनलाइन माध्यम से भुगतान करते हैं।
मई 2025 में उच्च GST संग्रहण के प्रमुख कारण
- घरेलू उपभोग में पुनरुत्थान: मई 2025 में GST संग्रह में हुई वृद्धि के पीछे उपभोक्ताओं की बढ़ती क्रय क्षमता एक प्रमुख कारक रही। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लेन-देन के बढ़ते प्रयोग ने भी व्यापारिक गतिविधियों को गति दी। इसके साथ ही, कृषि क्षेत्र में आय में हुई बढ़ोतरी ने घरेलू मांग को सशक्त समर्थन दिया और इससे बाज़ार में खरीदारी बढ़ी।
- उत्पादन क्षमता में वृद्धि: इस अवधि में देश के विभिन्न उत्पादन क्षेत्रों जैसे औद्योगिक निर्माण, स्टील, सीमेंट, वाहन निर्माण और उपभोक्ता वस्तुएं लगातार तेज़ी से बढ़ीं। इन क्षेत्रों में आदेशों की संख्या, कच्चे माल की खरीद, और डिलीवरी शृंखला की सक्रियता पहले से कहीं अधिक देखी गई। इसके परिणामस्वरूप, GST के रूप में सरकार को मिलने वाला कर स्वतः बढ़ा।
- नीतिगत सुधार: सरकार ने कर निगरानी तंत्र को डिजिटल उपकरणों से सुसज्जित कर दिया, जिससे प्रशासन और अधिक सक्षम बना। फर्जी बिलों और कर चोरी पर रोक लगाने के लिए AI-आधारित जोखिम मूल्यांकन प्रणाली को सक्रिय रूप से लागू किया गया। GSTR-1 और GSTR-3B के आंकड़ों का स्वत: मिलान कर, चेतावनी प्रणाली द्वारा अनियमित लेन-देन को तुरंत पकड़ा गया।
भारत में GST संग्रहण का महत्त्व
- राजस्व का प्रमुख आधार: GST केंद्र सरकार के लिए कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत है। आयकर और कॉर्पोरेट कर के बाद, GST से होने वाली आय सरकार की दैनिक और पूंजीगत व्ययों की पूर्ति में निर्णायक भूमिका निभाती है। रक्षा, आधारभूत संरचना, शिक्षा और डिजिटल प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए स्थिर और विश्वसनीय राजस्व स्रोत की आवश्यकता होती है, जिसे GST पूरा करता है।
- राज्यों की वित्तीय स्वतंत्रता: GST संग्रहण का एक बड़ा हिस्सा राज्यों को उनके हिस्से के रूप में ट्रांसफर किया जाता है, जिससे वे अपनी स्वतंत्र योजनाएं और कल्याणकारी कार्यक्रम चला सकें। SGST के रूप में राज्यों को मिलने वाला कर उन्हें न केवल राजकोषीय स्थायित्व प्रदान करता है, बल्कि उन्हें केंद्र पर निर्भरता से मुक्त भी करता है।
- जन कल्याण योजनाओं के लिए वित्तीय आधार: स्वास्थ्य बीमा (आयुष्मान भारत), मुफ्त राशन योजना, किसानों के लिए DBT, वृद्धावस्था पेंशन जैसी जन हितैषी योजनाओं को चलाने के लिए आवश्यक धनराशि मुख्यतः GST जैसे अप्रत्यक्ष करों से ही आती है। जब संग्रहण स्थिर और उच्च होता है, तब सरकार योजनाओं में विस्तार, लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि, और नई नीतियों की शुरुआत करने में सक्षम होती है।
- संघीय ढांचे की एकजुटता: GST प्रणाली ने भारत को ‘एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार’ की अवधारणा में बांधा है। इसके माध्यम से केंद्र और राज्य सरकारें एक साझा मंच पर सहयोगात्मक कर प्रबंधन करती हैं, जो भारत के संविधानिक संघवाद को व्यवहार में और सशक्त बनाता है।
वस्तु एवं सेवा कर (GST)
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