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हेग सेवा कन्वेंशन

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संदर्भ:

हेग सेवा कन्वेंशन: अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने हाग सेवा अभिसमय (Hague Service Convention) के तहत भारत के केंद्रीय विधि मंत्रालय से गौतम अडानी और उनके सहयोगियों को प्रतिभूति धोखाधड़ी (Securities Fraud) मामले में समन जारी करने में सहायता मांगी है।

हेग सेवा कन्वेंशन (Hague Service Convention):

परिचय:

  • इसे नागरिक या वाणिज्यिक मामलों में न्यायिक और गैरन्यायिक दस्तावेजों की विदेशों में सेवा के अभिसमय (1965)” के रूप में जाना जाता है।
  • यह एक बहुपक्षीय संधि (Multilateral Treaty) है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार कानूनी दस्तावेजों की सेवा (सर्विस) को सुविधाजनक बनाती है।

यह कैसे कार्य करता है?

  1. मानकीकृत प्रक्रिया: नागरिक और वाणिज्यिक मामलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानूनी दस्तावेजों की सेवा के लिए एक समान प्रक्रिया तय करता है।
  2. केंद्रीय प्राधिकरण (Central Authority):
    • प्रत्येक सदस्य देश में एक केंद्रीय प्राधिकरण होता है, जो दस्तावेजों की सेवा की प्रक्रिया को सुगम बनाता है।
    • यह प्रणाली तेजी, पारदर्शिता और प्रतिवादियों (Defendants) के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करती है।
  3. वैकल्पिक सेवाएं: यदि अनुमत हो, तो डाक सेवाओं (Postal Service) जैसे वैकल्पिक तरीकों के माध्यम से भी दस्तावेजों की सेवा की जा सकती है।
  4. सीमाएँ:
    • यह आपराधिक मामलों (Criminal Cases) पर लागू नहीं होता।
    • गैरहस्ताक्षरकर्ता (Non-Signatory) देशों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ता।

महत्व:

  • अंतरराष्ट्रीय विवादों में न्यायिक प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाता है।
  • विदेशी प्रतिवादियों तक निष्पक्ष और उचित तरीके से कानूनी नोटिस पहुंचाने की सुविधा प्रदान करता है।

हेग सेवा कन्वेंशन (Hague Service Convention) का कवरेज और प्रमुख विशेषताएँ:

कवरेज  के अंतर्गत:

  • केवल नागरिक (Civil) और वाणिज्यिक (Commercial) मामलों पर लागू होता है। आपराधिक मामलों (Criminal Cases) को शामिल नहीं करता।
  • तभी लागू होता है जब अनुरोध करने वाला (Requesting) और प्राप्त करने वाला (Receiving) देश दोनों हस्ताक्षरकर्ता (Signatory) हों।
  • 84 देश, जिनमें भारत और अमेरिका शामिल हैं, इस अभिसमय के पक्षकार हैं।

अभिसमय की प्रमुख विशेषताएँ:

  1. केंद्रीय प्राधिकरण प्रणाली: प्रत्येक सदस्य देश को एक केंद्रीय प्राधिकरण नामित करना होता है, जो सेवा अनुरोधों को संसाधित करता है।
  2. वैकल्पिक चैनल (Alternative Channels – देश अनुसार भिन्नता): कुछ देशों मेंडाक सेवा (Postal Service), राजनयिक और वाणिज्य दूतावास चैनल (Diplomatic & Consular Channels), न्यायिक अधिकारियों (Judicial Officers) के बीच संपर्क, और स्थानीय अधिकारियों के माध्यम से प्रत्यक्ष सेवा (Direct Service) की अनुमति होती है।
  3. आपत्ति और अस्वीकृति: किसी देश को अनुच्छेद 13 (Article 13) के तहत सेवा अनुरोध को अस्वीकार करने का अधिकार है, यदि यह उनकी संप्रभुता (Sovereignty) या सुरक्षा (Security) को खतरे में डालता है।
  4. सेवा का प्रमाण: सेवा पूर्ण होने पर एक पुष्टि प्रमाणपत्र (Acknowledgment Certificate) अनुरोधकर्ता देश को जारी किया जाता है।
  5. डिफ़ॉल्ट निर्णय सुरक्षा: यदि छह महीने के भीतर सेवा निष्पादित नहीं होती, तो अनुरोधकर्ता देश अनुच्छेद 15 (Article 15) के तहत डिफ़ॉल्ट निर्णय (Default Judgment) की मांग कर सकता है।

यह अभिसमय अंतरराष्ट्रीय कानूनी प्रक्रियाओं को सुगम, पारदर्शी और प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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