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संदर्भ:
हेरथ उत्सव (Herath) कश्मीरी पंडित समुदाय का विशेष महाशिवरात्रि उत्सव है, जो उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं का प्रतीक है। यह फाल्गुन मास की त्रयोदशी से शुरू होकर अमावस्या तक चलता है, जो आमतौर पर फरवरी या मार्च में पड़ता है।
हेरथ पर्व (Herath Festival):
- नाम की उत्पत्ति (Origin of Name): “हेरथ”संस्कृत शब्द“हररात्रि” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “हर (भगवान शिव) की रात”।
- उत्सव का स्वरूप (Celebration)
- रातभर प्रार्थना और पूजा की जाती है।
- अगले दिन भोजन और उत्सव मनाए जाते हैं।
- प्रमुख अनुष्ठान (Key Rituals and Practices)
- वातुक पूजा (Vatuk Pooja)
- मुख्य पूजा होती है, जिसमें जल और अखरोट से भरे कलश की पूजा की जाती है।
- यह चार वेदों का प्रतीक माना जाता है।
- डूनी-मावस (Dooni-Mavas): अखरोट को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।
- विशेष अभिवादन (Greetings): एक-दूसरे को “Herath Poshte” कहकर शुभकामनाएँ दी जाती हैं।
- भोजन (Food Traditions): इस दिन मछली और मटन का सेवन किया जाता है।
- यह महाशिवरात्रि के अन्य व्रतों से अलग परंपरा है, जहाँ उपवास अधिक प्रचलित होता है।