Household Income Survey 2026
Household Income Survey 2026 –
संदर्भ:
2026 में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) देश में पहली बार घरेलू आय सर्वेक्षण (Household Income Survey) आयोजित करेगा। यह सर्वेक्षण भारत में घरेलू आय के स्तर और वितरण को मापने के उद्देश्य से किया जाएगा, जो नीति निर्धारण में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस प्रक्रिया को प्रभावी और वैज्ञानिक बनाने के लिए एक तकनीकी विशेषज्ञ समूह (Technical Expert Group – TEG) का गठन किया गया है, जो सर्वेक्षण की पद्धति, डेटा संग्रहण और अनुमान तकनीकों पर मंत्रालय को मार्गदर्शन देगा।
उद्देश्य और लक्ष्य:
भारत में आय वितरण और सामाजिक योजनाओं की प्रभावशीलता को बेहतर समझने के लिए, नीचे दिए गए प्रमुख उद्देश्य और लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं:
- भारतीय परिवारों में आय वितरण के पैटर्न को समझना
- प्रौद्योगिकी अपनाने के प्रभाव का मूल्यांकन करना
- कल्याणकारी योजनाओं का बेहतर लक्षित वितरण सुनिश्चित करना
- आय आंकड़ों के संग्रहण में अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम मानकों के अनुरूप होना
क्या है यह सर्वेक्षण?
- यह एक राष्ट्रव्यापी घरेलू आय सर्वेक्षण होगा जो भारत में आय वितरण पर विश्वसनीय और मजबूत डेटा तैयार करने पर केंद्रित है।
- यह पहली बार होगा जब केवल घरेलू आय पर इतना व्यापक और विशिष्ट सर्वेक्षण किया जाएगा।
संबंधित मंत्रालय और संस्थाएं:
- आँकड़ा एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI)
- राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण (NSS)
- तकनीकी विशेषज्ञ समूह जिसकी अध्यक्षता डॉ. सुरजीत एस. भल्ला कर रहे हैं
घरेलू आय सर्वेक्षण – इतिहास:
- 1950: NSS की स्थापना और बड़े पैमाने पर घरेलू सर्वेक्षण शुरू
- 1955–1970: NSS के 9वें, 14वें, 19वें और 24वें राउंड में आय पर प्रयोगात्मक सर्वेक्षण, लेकिन आय की अधरिपोर्टिंग (underreporting) के कारण सीमित सफलता
- 1983–84: एक और पायलट स्टडी, जो स्केलेबल परिणाम नहीं दे पाई
- आय के अनुमान बार–बार खपत और बचत से कम निकले, जिससे नीति निर्माता ऐसे पूर्ण सर्वेक्षण से बचते रहे
2026 सर्वेक्षण की विशेषताएँ:
- यह भारत का पहला पूर्ण रूप से घरेलू आय वितरण पर केंद्रित राष्ट्रीय सर्वेक्षण होगा
- TEG के मार्गदर्शन में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाया जाएगा
- सैम्पलिंग डिज़ाइन, परिभाषाओं और आकलन पद्धति पर स्पष्टता सुनिश्चित की जाएगी
- डिजिटल उपकरणों का उपयोग कर तकनीक के प्रभाव को भी दर्ज किया जाएगा
- यह MoSPI की हालिया सांख्यिकीय नवाचारों (जैसे: अनिगठित क्षेत्र, सेवाक्षेत्र, निजी पूंजीगत व्यय और पर्यटन डेटा) पर आधारित होगा
महत्त्व:
- आय वितरण को समझने में मौलिक डेटा गैप को भरेगा
- कल्याणकारी नीतियों की योजना और समावेशी विकास के मूल्यांकन में सहायक
- भारत की सांख्यिकीय संरचना को वैश्विक मानकों के समकक्ष लाने में मदद
- सटीक आर्थिक योजना और लक्षित राजकोषीय हस्तक्षेपों के लिए आधार तैयार करेगा