Download Today Current Affairs PDF
ऊर्जा अर्थशास्त्र एवं वित्तीय विश्लेषण संस्थान (IEEFA) द्वारा जारी की गई “महत्वपूर्ण खनिजों की भारत में खोज” पर रिपोर्ट में पाँच प्रमुख खनिजों—कोबाल्ट, तांबा, ग्रेफाइट, लिथियम, और निकल—पर भारत की भारी आयात निर्भरता का उल्लेख है। इन खनिजों की वैश्विक आपूर्ति और मूल्य अस्थिरता के चलते भारत के लिए कई आर्थिक और सामरिक चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं।
भारत की आयात निर्भरता और घरेलू खनिज उपलब्धता:
रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत, विशेष रूप से लिथियम, कोबाल्ट और निकल जैसे खनिजों के लिए 100% आयात पर निर्भर है। इसके साथ ही, 2030 तक इन खनिजों की मांग दोगुनी से भी अधिक बढ़ने की संभावना है। यह निर्भरता नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा प्रौद्योगिकी, और रक्षा/एयरोस्पेस जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए आवश्यक इन खनिजों की उपलब्धता को प्रभावित कर सकती है।
महत्वपूर्ण खनिजों के अनुप्रयोग: महत्वपूर्ण खनिजों के चार प्रमुख अनुप्रयोग हैं
- नवीकरणीय ऊर्जा – सौर पैनल, बैटरी आदि में उपयोग।
- इलेक्ट्रॉनिक्स – अर्धचालक और अन्य उपकरणों में उपयोग।
- चिकित्सा प्रौद्योगिकी – एमआरआई और चिकित्सा उपकरणों में उपयोग।
- रक्षा और एयरोस्पेस – सैन्य उपकरण और विमान घटकों में उपयोग।
आयात निर्भरता से जुड़ी चिंताएँ:
- सामरिक भेद्यता: चीन जैसे कुछ प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता।
- मूल्य अस्थिरता: वैश्विक मांग और आपूर्ति में उतार-चढ़ाव विनिर्माण और ऊर्जा उत्पादन की लागत को प्रभावित कर सकता है।
- आर्थिक निहितार्थ: बढ़ती आयात लागत भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित कर सकती है।
- नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य खतरे में: उच्च आयात निर्भरता भारत के स्वच्छ ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन लक्ष्यों को बाधित कर सकती है।
IEEFA रिपोर्ट के सुझाव:
- घरेलू उत्पादन को बढ़ावा: भारत को खनिज निर्भरता से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए घरेलू खनिज उत्पादन में निवेश बढ़ाना चाहिए।
- मित्र देशों में निवेश: ऑस्ट्रेलिया, चिली, घाना, और दक्षिण अफ्रीका जैसे संसाधन संपन्न मित्र देशों में निवेश के अवसरों का पता लगाना चाहिए।
भारत द्वारा उठाए गए कदम:
- खनन सुधार: लिथियम समेत छह खनिजों को खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 से हटा दिया गया है, ताकि अन्वेषण और खनन में निजी क्षेत्र का निवेश बढ़ाया जा सके।
- महत्वपूर्ण खनिज साझेदारी: भारत ने ऑस्ट्रेलिया के साथ महत्वपूर्ण खनिज निवेश साझेदारी की है।
- खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईएल): विदेशी खनिज परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिए स्थापित किया गया, ताकि आयात निर्भरता को कम किया जा सके।
निष्कर्ष: IEEFA की रिपोर्ट भारत के लिए एक स्पष्ट संदेश देती है कि महत्वपूर्ण खनिजों के लिए विदेशों पर निर्भरता न केवल आर्थिक बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से भी जोखिम भरी है। स्वच्छ ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए घरेलू खनिज उत्पादन बढ़ाने और विदेशी खनिज संपत्तियों में निवेश करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
Explore our Books: https://apnipathshala.com/product-category/books/
Explore Our test Series: https://tests.apnipathshala.com/