IMF Loan to Bangladesh
संदर्भ:
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जून में बांग्लादेश को 1.3 अरब डॉलर जारी करने जा रहा है। यह राशि उसके 4.7 अरब डॉलर के ऋण कार्यक्रम की चौथी समीक्षा पूरी होने और विनिमय दर सुधारों पर महत्वपूर्ण समझौते के बाद दी जाएगी।
IMF से वित्तीय सहायता की मांग:
- योजना के तहत मांग: बांग्लादेश ने IMF सेECF (Extended Credit Facility) और EFF (Extended Fund Facility) योजनाओं के तहत अतिरिक्त सहायता की मांग की है।
- कुल सहायता राशि:
- ECF + EFFके तहत सहायता बढ़कर लगभग $4.1 बिलियन हो जाएगी।
- RSF (Resilience and Sustainability Facility)योजना के तहत पहले से $1.3 बिलियन मंजूर हैं।
- संयुक्त समीक्षा और अगली किश्त:
- संयुक्त तीसरी और चौथी समीक्षा पूरी होने पर बांग्लादेश को8 मिलियन SDR (लगभग $1.3 बिलियन) मिल सकते हैं।
- इसमें से ECF+EFF से$874 मिलियन, और RSF से $448 मिलियन मिलेंगे।
- मुख्य सुधार क्षेत्र:
- राजस्व प्रबंधन (Revenue Management)
- राजकोषीय नीति (Fiscal Policy)
- विदेशी मुद्रा विनिमय प्रणाली
पाकिस्तान को IMF ऋण / IMF Loan to Pakistan:
IMF ने हाल ही में पाकिस्तान को EFF के तहत $1 बिलियन तुरंत जारी करने की मंजूरी दी
भारत का विरोध: रणनीतिक और सुरक्षा संबंधी चिंताएं:
- पिछले ऋणों का दुरुपयोग: पाकिस्तान ने पूर्व में मिले IMF लोन का वादा किए गए सुधारों पर खर्च नहीं किया या गलत ढंग से इस्तेमाल किया।
- राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा: भारत के अनुसार, यह ऋण अप्रत्यक्ष रूप से सीमा-पार आतंकवाद या सैन्य गतिविधियों के लिए फ़ंडिंग में इस्तेमाल हो सकता है।
क्या है EFF?
- परिभाषा: यह एक आईएमएफ ऋण तंत्र है, जो उन देशों की मदद के लिए डिज़ाइन किया गया है जो दीर्घकालिक भुगतान संतुलन समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
- यह समस्याएँ अक्सर गंभीर संरचनात्मक आर्थिक कमजोरियों के कारण उत्पन्न होती हैं।
प्रमुख विशेषताएँ
- शासी निकाय: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), जो ब्रेटन वुड्स संस्थानों का हिस्सा है।
- ऋण प्रकार: ऋण (लोन), न कि अनुदान या वित्तीय सहायता।
- अवधि: लंबी अवधि (3+ वर्ष), जिसमें सामान्य IMF ऋणों की तुलना में लंबी पुनर्भुगतान समय-सीमा होती है।
- उद्देश्य: मध्यम अवधि में संरचनात्मक सुधारों को सुगम बनाना।
- जैसे:
- कर प्रणाली में सुधार।
- मुद्रास्फीति में कमी।
- अस्थिर राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करना।
- राशि वितरण: किश्तों में, जो नीति कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा के आधार पर जारी की जाती है।
- जैसे:
पात्रता मानदंड:
- वर्तमान खाता घाटा या भुगतान संतुलन में दीर्घकालिक तनाव।
- गहन संरचनात्मक समस्याएँ: शासन, निवेश, कर प्रणाली या वित्तीय क्षेत्र में समस्याएँ।
- आईएमएफ द्वारा निगरानी वाले संरचनात्मक सुधारों को लागू करने की इच्छा और क्षमता।