IMO
संदर्भ:
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) के अंतर्गत आयोजित समुद्री पर्यावरण संरक्षण समिति (MEPC-83) के 83वें सत्र में जहाजरानी से होने वाले उत्सर्जन (Shipping Emissions) पर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (International Maritime Organisation – IMO): उद्देश्य और संरचना
परिचय:
- संस्थान: संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक विशेषीकृत एजेंसी।
- मुख्यालय: लंदन
- स्थापना:
- प्रारंभिक नाम: अंतर-सरकारी समुद्री परामर्श संगठन (IMCO) – 1948
- UN एजेंसी का दर्जा: 1959
- वर्तमान नाम: IMO – 1982
- सदस्य देश: कुल 174 सदस्य राज्य
उद्देश्य:
- समुद्री सुरक्षा: अंतर्राष्ट्रीय नौवहन की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करना।
- पर्यावरण संरक्षण: जहाजों से समुद्री और वायुमंडलीय प्रदूषण की रोकथाम।
- कानूनी पहलू: देयता, मुआवजा और समुद्री यातायात की सुगमता से संबंधित कानूनी मामलों का निपटारा।
- सतत विकास: संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य (SDG) 14 में योगदान – महासागरों और समुद्री संसाधनों के संरक्षण और सतत उपयोग पर जोर।
कार्य और प्रभाव
- नियम निर्माण:
- IMO जहाज सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए नियम बनाता है।
- लागू न करने की नीति:
- IMO स्वयं नियमों को लागू नहीं करता।
- सदस्य देशों द्वारा नियम अपनाने के बाद, वे उस देश के घरेलू कानून का हिस्सा बन जाते हैं।