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संदर्भ:
भारत में मोबाइल निर्माण: हाल ही में, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने घोषणा की कि भारत अब चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बन गया है। यह उपलब्धि सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI)’ जैसी नीतियों का परिणाम है, जिसने देश में मोबाइल उत्पादन को बढ़ावा दिया है।
भारत में मोबाइल निर्माण में अभूतपूर्व वृद्धि (2014-2024)
- मोबाइल निर्माण इकाइयों की वृद्धि:
- 2014: केवल 2 मोबाइल निर्माण इकाइयाँ।
- 2024: 300 से अधिक इकाइयाँ स्थापित।
- ‘मेड इन इंडिया‘ मोबाइल की हिस्सेदारी:
- 2014-15: केवल 26% मोबाइल भारत में बने।
- 2024: 99.2% मोबाइल भारत में निर्मित।
- विनिर्माण मूल्य में उछाल:
- 2014: ₹18,900 करोड़।
- 2024: ₹4,22,000 करोड़।
- निर्यात में जबरदस्त बढ़ोतरी:
- 2014: निर्यात लगभग शून्य।
- 2024: ₹1,29,000 करोड़ से अधिक का निर्यात।
- रोजगार सृजन: 12 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियाँ निर्मित।
भारत में मोबाइल निर्माण में घरेलू मांग की भूमिका:
- प्रमुख विकास कारक: बड़ी उपभोक्ता आबादी और बढ़ती प्रति व्यक्ति आय के कारण घरेलू मांग में वृद्धि।
- घरेलू मांग में वृद्धि:
- FY14: US$ 12 बिलियन।
- FY24: US$ 36 बिलियन।
- CAGR: 13%।
- विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा: बढ़ती घरेलू खपत से भारत में मोबाइल उत्पादन को निरंतर प्रोत्साहन।
China+1 रणनीति और भारत की उभरती भूमिका:
- China+1 : आपूर्ति श्रृंखलाओं (Supply Chains) को विविधता देने की रणनीति, जिससे चीन पर निर्भरता कम हो।
- भूराजनीतिक तनाव और आपूर्ति श्रृंखला बाधाओं के कारण यह प्रवृत्ति तेज हुई।
- व्यापार आँकड़े इस बदलाव को दर्शाते हैं।
- मोबाइल निर्यात में भारत की वृद्धि:
- 2023-24 में निर्यात प्रदर्शन:
- चीन: 78% गिरावट।
- वियतनाम: 6% गिरावट।
- भारत: 40% से अधिक की वृद्धि।
- 2023-24 में निर्यात प्रदर्शन: