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हाल ही में अबू धाबी के क्राउन प्रिंस महामहिम शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की भारत यात्रा के दौरान भारत तथा UAE के मध्य समझौता (भारत-संयुक्त अरब अमीरात के द्विपक्षीय संबंध) ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
द्विपक्षीय वार्ता और महत्वपूर्ण समझौते
- इस बैठक के दौरानभारत और यूएई के बीच समग्र रणनीतिक साझेदारी की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा करने के अवसरों पर चर्चा की।
- समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) और हाल ही में लागू द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) की सफलता पर भी जोर दिया, जो आर्थिक और वाणिज्यिक साझेदारी को सशक्त बनाने में सहायक होगी।
- इसके अतिरिक्त, परमाणु ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिजों, हरित हाइड्रोजन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अत्याधुनिक तकनीक जैसे क्षेत्रों में संभावनाओं पर चर्चा की गई।
नए समझौतों और एमओयू पर हस्ताक्षर:
यात्रा के दौरान निम्नलिखित समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए:
- परमाणु ऊर्जा सहयोग: न्यूक्लियर पावर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) और एमिरेट्स न्यूक्लियर एनर्जी कार्पोरेशन (ENEC) के बीच परमाणु सहयोग पर समझौता ज्ञापन।
- दीर्घावधि LNG आपूर्ति: अबू धाबी आयल कंपनी (ADNOC) और इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) के बीच दीर्घावधि LNG आपूर्ति समझौता।
- भंडारण समझौता: ADNOC और भारतीय सामरिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (ISPRL) के बीच समझौता।
- ऊर्जा उत्पादन रियायत: अबू धाबी ऑनशोर ब्लॉक 1 के लिए ऊर्जा भारत और ADNOC के बीच उत्पादन रियायत समझौता।
- फूड पार्क विकास: गुजरात सरकार और अबू धाबी डेवलपमेंटल होल्डिंग कंपनी (ADQ) के बीच फूड पार्क के विकास के लिए समझौता ज्ञापन।
समझौतों के प्रमुख पहलू
- परमाणु ऊर्जा: समझौता ज्ञापन से परमाणु ऊर्जा प्लांट के ऑपरेशन और रखरखाव, संबंधित सामान और सेवाओं की आपूर्ति, और कौशल विकास के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा।
- LNG आपूर्ति: दीर्घावधि LNG आपूर्ति समझौते के तहत प्रतिवर्ष 1 मिलियन मीट्रिक टन की आपूर्ति होगी, जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सशक्त बनाएगी।
- भंडारण अवसर: ADNOC और ISPRL के बीच समझौते से कच्चे तेल के भंडारण के नए अवसर मिलेंगे और भंडारण एवं प्रबंधन समझौतों को नवीनीकरण की सुविधा प्राप्त होगी।
- ऊर्जा उत्पादन रियायत: अबू धाबी ऑनशोर ब्लॉक 1 के लिए उत्पादन रियायत से भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
- फूड पार्क: गुजरात में फूड पार्क परियोजनाओं के विकास से स्थानीय बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा और 2025 की दूसरी तिमाही तक परियोजनाओं का शुभारंभ होगा।
भारत-संयुक्त अरब अमीरात के द्विपक्षीय संबंध
- परिचय:
- भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने 1972 में राजनयिक संबंध स्थापित किए।
- अगस्त 2015 में भारत के प्रधानमंत्री की UAE यात्रा और जनवरी 2017 में अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों को एक नई रणनीतिक साझेदारी की ओर बढ़ाया।
- इसके परिणामस्वरूप, व्यापक आर्थिक भागीदार समझौते की बातचीत शुरू हुई।
- आर्थिक संबंध:
- वर्ष 2022-23 में भारत और UAE के बीच द्विपक्षीय व्यापार 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।
- UAE भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।
- दोनों देशों ने पांच वर्षों में व्यापार को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर और सेवा व्यापार को 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है।
- भारतीय कंपनियों ने UAE में विभिन्न उद्योगों में निवेश किया है।
- UAE ने भी भारत समेत सात देशों के साथ द्विपक्षीय आर्थिक समझौतों को आगे बढ़ाने की योजना बनाई है।
- सांस्कृतिक संबंध:
- UAE में 3.3 मिलियन से अधिक भारतीय हैं और वहां भारतीय संस्कृति का अच्छा प्रभाव है।
- भारतीय सिनेमा, टीवी चैनल और योग केंद्रों की लोकप्रियता बढ़ी है।
- भारत ने अबू धाबी अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला 2019 में सम्मानित अतिथि देश के रूप में भाग लिया।
- फिनटेक सहयोग: UAE में रुपे कार्ड और रुपये-दिरहम निपटान प्रणाली जैसी पहल डिजिटल भुगतान में सहयोग को बढ़ावा देती हैं। स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली (LCSS) से दोनों देशों के बीच वित्तीय लेनदेन में सुविधा मिलेगी।
- ऊर्जा सुरक्षा सहयोग: UAE भारत की ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें भारत के मंगलुरु में सामरिक तेल भंडार शामिल है।
- क्षेत्रीय सहभागिता: भारत और UAE I2U2 और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा जैसे क्षेत्रीय समूहों में सक्रिय रूप से शामिल हैं, जो साझा हितों को दर्शाते हैं।
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