Indian and EUNAVFOR Naval Exercise
संदर्भ:
भारतीय नौसेना और यूरोपीय संघ नौसेना बल (EUNAVFOR) जल्द ही हिंद महासागर क्षेत्र में एक संयुक्त नौसैनिक अभ्यास करने जा रहे हैं। यह पहली बार है जब भारत में EUNAVFOR के युद्धपोत किसी परिचालन अभ्यास में भाग लेंगे।
उद्देश्य: इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी तालमेल को बढ़ाना और समुद्री डकैती, तस्करी जैसी गैर–पारंपरिक समुद्री चुनौतियों का मुकाबला करना है।
EUNAVFOR (ऑपरेशन अटलांटा) – भारत यात्रा 2025:
- परिचय:
- EUNAVFOR (European Union Naval Force) यूरोपीय संघ का नौसैनिक बल है।
- यह ऑपरेशन अटलांटा के अंतर्गत 2008 में Common Security and Defence Policy (CSDP) मिशन के रूप में शुरू हुआ।
- उद्देश्य: सोमालिया और पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती और सशस्त्र लूटपाट को रोकना, रोकथाम करना और दबाना।
- प्रमुख कार्य:
- World Food Programme (WFP) और अन्य संवेदनशील जहाजों की सुरक्षा।
- समुद्री व्यापार मार्गों की निगरानी और रक्षा।
- 2025 में भारत यात्रा पर भाग लेने वाले पोत:
- ESPS Reina Sofía – स्पेनिश नौसेना का पोत।
- ITS Antonio Marceglia – इतालवी नौसेना का पोत।
- अभ्यास का महत्व:
- भारत में EU फ्रेमवर्क के तहत EUNAVFOR की यह पहली यात्रा।
- समुद्री सुरक्षा और anti-piracy अभियानों में interoperability को बढ़ावा।
- हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में non-traditional security threats से निपटने के लिए संयुक्त प्रतिक्रिया क्षमताओं को सुदृढ़ करना।
भारत–EU संबंध:
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- भारत और European Economic Community (EEC) के बीच कूटनीतिक संबंध 1962 में स्थापित हुए।
- 2004 में India-EU Strategic Partnership की घोषणा के साथ संबंधों को रणनीतिक स्तर पर उन्नत किया गया।
- महत्वपूर्ण दस्तावेज़:
- India-EU Joint Political Statement – 1993
- India-EU Cooperation Agreement – 1994
- व्यापार: EU भारत का सबसे बड़ा वस्तु व्यापारिक साझेदार है।
- FY 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार: $135 बिलियन
(Indian and EUNAVFOR Naval Exercise) भारत–यूरोपीय संघ सहयोग के प्रमुख क्षेत्र:
- व्यापार और निवेश (Trade & Investments):
- मुक्त व्यापार समझौता (FTA) और भौगोलिक संकेतक (GI) पर वार्ता जारी।
- भारत को EU के Carbon Border Adjustment Mechanism से निर्यात पर प्रभाव की चिंता।
- प्रौद्योगिकी और नवाचार:
- 2007 का विज्ञान और तकनीक सहयोग समझौता द्विपक्षीय अनुसंधान को दिशा देता है।
- भारत-EU सेमीकंडक्टर MoU (2023) से चिप निर्माण और AI में सहयोग बढ़ा।
- हरित ऊर्जा और जलवायु कार्यवाही:
- EU ने भारत के ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स के लिए €1 अरब देने की प्रतिबद्धता की।
- नवीकरणीय ऊर्जा, सर्कुलर इकॉनॉमी, और सतत शहरीकरण में सहयोग।
- रक्षा और सुरक्षा:
- सुरक्षा और रक्षा पर परामर्श (2022) – समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद और साइबर खतरों पर केंद्रित।
- पहला संयुक्त नौसैनिक अभ्यास (2023) – गिनी की खाड़ी में।
- अंतरिक्ष सहयोग:
- ISRO और ESA मिलकर गगनयान, चंद्रयान-3 और आदित्य-L1 पर काम कर रहे हैं।
- PROBA-3 मिशन (2024) को ISRO के PSLV से लॉन्च किया गया।
चुनौतियाँ और मतभेद:
- CBAM और व्यापार अवरोध:भारत को इस टैक्स से इस्पात व एल्युमिनियम निर्यात पर असर का डर।
- डिजिटल व्यापार और डेटा सुरक्षामें नियामकीय मतभेद।
- FTA की धीमी प्रगति– 2007 से वार्ता जारी, लेकिन टैरिफ और बाजार पहुंच पर अड़चनें।
- यूक्रेन युद्ध पर भिन्न रुख– भारत तटस्थ, EU रूस का विरोधी।