केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के पहले स्थापना दिवस समारोह में घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में 5,000 साइबर कमांडो को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह पहल साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के बारे में:
- भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य साइबर अपराध से संबंधित मुद्दों का समन्वय और समाधान करना है।
- इसे 2018 में स्थापित किया गया था और
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
- I4C का प्रमुख लक्ष्य साइबर अपराधों की रोकथाम, इनकी जांच और अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को सुनिश्चित करना है।
I4C के प्रमुख कार्यों में शामिल हैं:
- साइबर अपराधों की जानकारी एकत्र करना और विश्लेषण करना: I4C विभिन्न साइबर अपराधों की जानकारी एकत्र करता है और उनका विश्लेषण करता है ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके।
- साइबर सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देना: यह केंद्र साइबर सुरक्षा से संबंधित जागरूकता अभियान चलाता है और नागरिकों, संगठनों, और अन्य सरकारी विभागों को साइबर सुरक्षा के बेहतर उपायों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
- समन्वय और सहयोग: I4C विभिन्न राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम करता है ताकि साइबर अपराधों की रोकथाम और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
- डिजिटल साक्षरता और प्रशिक्षण: यह केंद्र साइबर अपराधों की रोकथाम और सुरक्षा के उपायों पर प्रशिक्षण और साक्षरता कार्यक्रम आयोजित करता है।
- उन्नत तकनीकी समाधान: I4C नई और उन्नत तकनीकी समाधान प्रदान करता है जो साइबर अपराधों की पहचान और समाधान में मददगार होते हैं।
I4C के द्वारा लागू की गई योजनाएं और नीतियाँ साइबर अपराध की जटिलताओं को बेहतर ढंग से समझने और उनसे निपटने में सहायक साबित हो रही हैं।
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