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हिंद महासागर क्षेत्र

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संदर्भ:

हिंद महासागर क्षेत्र: भारत, सिंगापुर और ओमान के साथ मिलकर मस्कट में 8वें हिंद महासागर सम्मेलन (IOC) की मेजबानी कर रहा है। इस सम्मेलन में 30 देशों के विदेश मंत्री क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर चर्चा कर रहे हैं, जिससे हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है।

हिंद महासागर:

भौगोलिक परिचय:

  1. तीसरा सबसे बड़ा महासागर: 9,600 किमी(बंगाल की खाड़ी से अंटार्कटिका तक) और 7,800 किमी (दक्षिण अफ्रीका से पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया तक) फैला हुआ है।
  2. तटरेखा (Coastline): कुल70,000 किमी की तटरेखा, जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीकी देश शामिल हैं।
  3. जनसंख्या और तटीय प्रभाव (Population & Coastal Influence): यह क्षेत्रविश्व की 35% जनसंख्या और 40% वैश्विक तटरेखा का घर है।

ऐतिहासिक एवं सभ्यतागत महत्व:

  1. भारत के नाम पर नामकरण: महासागर का नाम “भारत” से लिया गया है, जो इसके प्राचीन व्यापारिक और सांस्कृतिक प्रभाव को दर्शाता है।
  2. प्राचीन व्यापार मार्ग: प्रथम सहस्राब्दी से यह भारत, अरब देशों, दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका को जोड़ने वाला प्रमुख व्यापार मार्ग रहा है।
  3. रेशम मार्ग और मसाला व्यापार (Silk Route & Spice Trade): हिंद महासागर यूरोप, एशिया और अफ्रीका को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग था।

रणनीतिक महत्व (Strategic Importance):

  1. वैश्विक व्यापार मार्ग (Global Trade Route):
    • विश्व के70% कंटेनर ट्रैफिक का संचालन इसी महासागर से होता है।
    • भारत का80% बाहरी व्यापार और 90% ऊर्जा आयात इसी मार्ग से होता है।
  2. तेल आपूर्ति मार्ग (Oil Supply Routes): पश्चिम एशिया से भारत, चीन, जापान और यूरोप के लिए महत्वपूर्ण तेल आपूर्ति मार्ग हिंद महासागर से गुजरते हैं।
  3. महत्वपूर्ण समुद्री चोकपॉइंट्स:
    • होर्मुज़ जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz – ईरानओमान):तेल निर्यात के लिए अत्यंत आवश्यक।
    • बाब अलमंडेब (Bab el-Mandeb – यमनजिबूती):लाल सागर और स्वेज नहर का प्रवेशद्वार।
    • मलक्का जलडमरूमध्य:पूर्वी एशिया के व्यापार के लिए मुख्य मार्ग।

हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भूमिका:

  • SAGAR पहल (2015):
    • SAGAR (Security and Growth for All in the Region)को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया।
    • इसका उद्देश्यसमुद्री स्थिरता को बढ़ावा देना और सभी देशों के लिए सुरक्षा व विकास सुनिश्चित करना है।
  • नौसैनिक क्षमताएं और क्षेत्रीय सुरक्षा:
    • भारतीय नौसेनासंयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित करती है, जैसे:
      • मिलन (MILAN)– बहुपक्षीय समुद्री अभ्यास।
      • मालाबार (Malabar)– भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच नौसैनिक अभ्यास।
      • वरुण (Varuna)– भारत और फ्रांस के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास।
  • आर्थिक और व्यापारिक नेतृत्व:
    • भारत सागरमाला परियोजना के तहत बंदरगाहों का विकास कर रहा है।
    • ब्लू इकोनॉमी(Blue Economy) को बढ़ावा देकर महासागरीय संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित कर रहा है।
  • आपदा राहत और मानवीय सहायता:
    • प्राकृतिक आपदाओं और आपात स्थितियों में बचाव और राहत अभियान चलाने में भारत अग्रणी है।
    • सुनामी, चक्रवात और भूकंप जैसी आपदाओं में प्रभावित देशों की मदद करता है।
  • कूटनीतिक और रणनीतिक गठबंधन:
    • भारत IORA (Indian Ocean Rim Association), BIMSTEC और QUAD जैसे संगठनों के माध्यम से सामूहिक समुद्री प्रशासन को मजबूत कर रहा है।
    • क्षेत्रीय सहयोग और रणनीतिक भागीदारी को बढ़ावा देकर हिंद महासागर में सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित कर रहा है।

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