चर्चा में क्यों?
15 अगस्त, 2024 को भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस (78th Independence Day) मनाने जा रहा है, जो चर्चा का विषय है। अधिकतर लोग इसे 77वा स्वतंत्रता दिवस मान रहे हैं जिससे यह और अधिक चर्चा की बात बन गई हैं।
इस वर्ष, 2024 का स्वतंत्रता दिवस और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह हमारे देश के विकास, प्रगति और एकता की यात्रा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर जोड़ता है। इस बार प्रधानमंत्री 11वी बार राष्ट्र को संबोधित करेंगे। ऐसा करने वाले वह भारत के दूसरे प्रधानमंत्री होंगे। यह खास अवसर होगा जब पेरिस ओलंपिक 2024 के खिलाड़ियों से प्रधानमंत्री मुलाकात करेंगे।
स्वतंत्रता दिवस 2024 की थीम (Theme):
इस वर्ष की थीम है – “विकसित भारत” ।
जिसका उद्देश्य वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित और प्रगतिशील राष्ट्र में बदलने का है, जब देश अपनी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा। इस थीम के अंतर्गत देश के समग्र विकास पर विशेष जोर दिया गया है।
थीम के उद्देश्य:
- आर्थिक विकास: भारत को एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए सतत आर्थिक विकास और नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो।
- सामाजिक विकास: बेहतर स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सामाजिक सेवाओं के माध्यम से लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने का लक्ष्य रखा गया है।
- तकनीकी उन्नति: विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी नवाचारों को अपनाने की दिशा में काम किया जाएगा, जिससे देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सके।
78वे स्वतंत्रता दिवस (78th independence day) समारोह की मुख्य बातें:
देश को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के साथ इस बार के स्वतंत्रता दिवस पर लगभग 6000 विशेष मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। इनमें युवा, आदिवासी, किसान, महिलाएं और अन्य क्षेत्रों के विशेष लोग शामिल हैं जिन्होंने सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभ उठाया है।
इन मेहमानों में अटल इनोवेशन मिशन और पीएम श्री स्कूलों के छात्र, मेरा युवा भारत और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक, आदिवासी कारीगर, किसान, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, चुनी हुई महिला प्रतिनिधि, विभिन्न योजनाओं की लाभार्थी महिलाएं, सीमा सड़क संगठन के कर्मचारी, प्रेरणा स्कूल कार्यक्रम के छात्र और कई अन्य शामिल हैं।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का स्वागत रक्षा मंत्री और रक्षा राज्य मंत्री करेंगे। सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा।
इसके बाद प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करेंगे और राष्ट्र को संबोधित करेंगे। ध्वजारोहण के साथ ही 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
इस दिन रक्षा मंत्रालय द्वारा विशेष अभियान “राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण” चलाया जाएगा। जिसका शीर्षक “एक पेड़ माँ के नाम” होगा। इसके जरिए पूरे भारत में 15 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
भारतीय स्वतंत्रता दिवस का इतिहास:
1600 में ईस्ट इंडिया कंपनी के आगमन के साथ ब्रिटिश शासन की शुरुआत हुई। धीरे-धीरे कंपनी ने अपनी सैन्य शक्ति का विस्तार किया और 1757 के प्लासी के युद्ध के बाद भारत पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया। 1857 का विद्रोह भारतीय स्वतंत्रता का पहला संगठित प्रयास था, हालांकि इसे दबा दिया गया, लेकिन इसने भारतीयों में राष्ट्रीय चेतना जगा दी।
19वीं सदी के अंत में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई, जिसने भारतीयों को एक मंच प्रदान किया। महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन जैसे आंदोलनों ने ब्रिटिश शासन को चुनौती दी। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन ने स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊंचाइयां दी।
हालांकि, सांप्रदायिक तनाव के कारण भारत का विभाजन हुआ और 15 अगस्त 1947 को भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया। यह दिन भारतीयों के बलिदान और संघर्ष का प्रतीक है और इसे पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस का ऐतिहासिक महत्व:
- राष्ट्रीय पहचान की स्थापना: स्वतंत्रता दिवस वह दिन है जब भारत ने अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की और एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान स्थापित की। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी विविधता में एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
- लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करना: 15 अगस्त 1947 के बाद से भारत ने लोकतंत्र को अपने शासन का आधार बनाया। यह दिन हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है, जो हमें स्वतंत्रता और समानता के साथ जीने की प्रेरणा देते हैं।
- वैश्विक प्रतिष्ठा: स्वतंत्रता दिवस भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति और प्रतिष्ठा को भी रेखांकित करता है। यह दिन दिखाता है कि कैसे एक राष्ट्र ने अपनी स्वतंत्रता के बाद न केवल खुद को स्थापित किया बल्कि विश्व मंच पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- आत्मनिर्भरता का प्रतीक: स्वतंत्रता दिवस आत्मनिर्भर भारत की दिशा में किए गए प्रयासों का प्रतीक है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता भी होनी चाहिए, जिससे देश का हर नागरिक समृद्ध हो सके।
भारत के 78वे स्वतंत्रता दिवस (78th independence day) की खासियत:
- 2022 में भारत ने आजादी के 75 साल पूरे किए थे, जिसे ‘आजादी का अमृत महोत्सव (Aazadi Ka Amrit Mahotsav)’ के रूप में भव्य रूप से मनाया गया था। 78वां स्वतंत्रता दिवस उस जश्न के बाद का पहला बड़ा मील का पत्थर है, जो हमारे स्वतंत्रता संग्राम और उसके बाद के विकास की यात्रा की निरंतरता को दर्शाता है।
- भारत लगातार प्रगति की ओर बढ़ रहा है, और 2024 में देश में कई नई नीतियों और योजनाओं की शुरुआत की उम्मीद है। इस दिन, सरकार द्वारा उन पहलों पर प्रकाश डाला जाएगा, जो देश को आत्मनिर्भर और विश्व स्तर पर मजबूत बनाने के लिए बनाई गई हैं।
- 2023-2024 में, भारत ने अंतरिक्ष, तकनीक, और विज्ञान के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। यह स्वतंत्रता दिवस उन उपलब्धियों को भी मनाएगा, जो देश को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
15 अगस्त 2024 को भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा, और इसको लेकर कई लोग भ्रमित हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम 1947 में मिली स्वतंत्रता की 77वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह विरोधाभासी लग सकता है, लेकिन यह समझना जरूरी है कि 15 अगस्त 1948 को हमने स्वतंत्रता की पहली वर्षगांठ मनाई थी। इसलिए, यह स्वतंत्रता की 77वीं वर्षगांठ है, लेकिन 78वां स्वतंत्रता दिवस समारोह है। इस तरह, हर साल हम स्वतंत्रता के दिन को एक और संख्या के रूप में गिनते हैं, जो इस बार 78वां स्वतंत्रता दिवस बनाता है। |
इस बार आमंत्रित अतिथियों की सूची:
- कृषि और किसान कल्याण: इस क्षेत्र से 1,000 अतिथि शामिल होंगे, जो कृषि और ग्रामीण विकास में योगदान देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्तित्व होंगे।
- युवा मामले: 600 युवा अतिथियों को आमंत्रित किया गया है, जो देश के भविष्य और विकास में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
- महिला और बाल विकास: 300 अतिथि इस क्षेत्र से होंगे, जो महिलाओं और बच्चों की भलाई और विकास के प्रयासों को दर्शाते हैं।
- पंचायती राज और ग्रामीण विकास: 300 अतिथि पंचायतों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में योगदान देने वाले लोगों को प्रतिनिधित्व करेंगे।
- जनजातीय मामले: 350 अतिथि इस क्षेत्र से होंगे, जो जनजातीय समुदायों के अधिकारों और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
- स्कूल शिक्षा और साक्षरता: 200 अतिथि इस क्षेत्र से होंगे, जो शिक्षा और साक्षरता में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
- सीमा सड़क संगठन/रक्षा मंत्रालय: 200 अतिथि सीमा सुरक्षा और रक्षा में योगदान देने वाले व्यक्तियों को शामिल करेंगे।
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण: 150 अतिथि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने वालों को सम्मानित करेंगे।
- खेल विभाग: 150 अतिथि खेल क्षेत्र से होंगे, जो खेलों और एथलेटिक्स में उत्कृष्टता का प्रतिनिधित्व करेंगे।
- नीति आयोग: 1,200 अतिथि नीति आयोग से होंगे, जो नीतिगत निर्माण और कार्यान्वयन में योगदान दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री का “हर घर तिरंग अभियान”:
2024 के स्वतंत्रता दिवस समारोह के हिस्से के रूप में शुरू किया गया “हर घर तिरंगा” अभियान, हर भारतीय को अपने घर पर गर्व से राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रेरित करता है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य नागरिकों और हमारे राष्ट्रीय प्रतीक के बीच एक गहरा संबंध स्थापित करना है, जो एकता और देशभक्ति का प्रतीक है। इस अभियान में शामिल होकर, देशभर के लोग स्वतंत्रता की भावना को सामूहिक रूप से मनाने के साथ-साथ उन बलिदानों का सम्मान कर सकते हैं जो भारत की स्वतंत्रता के लिए किए गए थे। इससे 78वां स्वतंत्रता दिवस और भी अधिक अर्थपूर्ण और स्मरणीय हो जाएगा।
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