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संदर्भ:
शहरी विकास: केंद्रीय बजट 2025-26 में ‘शहरों को विकास हब बनाने‘, ‘रचनात्मक पुनर्विकास‘, ‘जल और स्वच्छता‘ तथा समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए ₹1 लाख करोड़ के अर्बन चैलेंज फंड की घोषणा की गई है। इस निधि से शहरी बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलेगा, जिससे शहर वैश्विक स्तर पर व्यवसायों के लिए प्रतिस्पर्धी बनेंगे।
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय: बजट 2025-26
बढ़ा आवंटन, लेकिन कम उपयोग:
- 2025-26 के लिए ₹96,777 करोड़ का बजट, जो पिछले वर्ष से 17% अधिक है।
- 2024-25 के संशोधित अनुमान (Revised Estimate) में केवल ₹63,669.93 करोड़ खर्च हुए, जिससे फंड के कम उपयोग (Underutilization) का संकेत मिलता है।
शहरी चुनौती कोष और ग्रामीण पीएम आवास योजना पर फोकस:
- ₹1 लाख करोड़ का शहरी चुनौती कोष प्रस्तावित, जिसमें 2025-26 के लिए ₹10,000 करोड़ आवंटित।
- शहरी और ग्रामीण पीएम आवास योजना (PMAY) को ₹78,126 करोड़ आवंटित।
शहरी श्रमिकों और स्ट्रीट वेंडर्स के लिए सहायता:
- PM SVANidhi योजना से अब तक 68 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को लाभ मिला।
- योजना का पुनर्गठन:
- बेहतर बैंक ऋण,
- ₹30,000 लिमिट के साथ UPI-लिंक्ड क्रेडिट कार्ड,
- क्षमता निर्माण समर्थन (Capacity Building Support) ताकि अनौपचारिक ऋणों पर निर्भरता कम हो।
शहरी विकास बजट में कटौती कैसे हुई?
- शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) को प्रत्यक्ष हस्तांतरण में गिरावट:
- ऑक्ट्रोई समाप्ति और GST लागू होने से ULBs का राजस्व स्रोत घटा।
- ULBs को मिलने वाला केंद्रीय फंड ₹26,653 करोड़ (पिछले वर्ष) से घटकर ₹26,158 करोड़ (2025-26) हुआ।
- स्थानीय निकायों पर वित्तीय दबाव बढ़ा।
- केंद्र प्रायोजित योजनाओं (CSS) में कटौती:
- PMAY (Urban): ₹30,170.61 करोड़ → ₹13,670 करोड़ (2024-25 RE)
- AMRUT और स्मार्ट सिटी मिशन: आवंटन ₹10,400 करोड़ से कम, स्मार्ट सिटी मिशन के लिए लगभग कोई नया फंड नहीं।
- स्वच्छ भारत मिशन (शहरी): ₹5,000 करोड़ आवंटित, लेकिन केवल ₹2,159 करोड़ खर्च (56% फंड का कम उपयोग)।
मेट्रो परियोजनाओं को प्राथमिकता:
- 2024-25 (RE): ₹21,335.98 करोड़ → ₹24,691.47 करोड़
- 2025-26 प्रस्तावित: ₹31,239.28 करोड़ (46% वृद्धि)
- शहरी गतिशीलता, रोजगार सृजन और स्थानीय शासन के बजाय बड़े बुनियादी ढांचे (मेट्रो) को अधिक प्राथमिकता दी गई।
प्रस्तावित पहलों के लाभ:
- झुग्गी क्षेत्रों में कमी (Reducing Slums)
- सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा (Promoting Social Security)
- बेहतर शहरी नियोजन (Better Planning)