Apni Pathshala

कीट-आधारित पशुधन चारा (Insect-Based Livestock Feed) | UPSC Preparation

Insect-Based Livestock Feed

Insect-Based Livestock Feed

संदर्भ:

कीट-आधारित पशु आहार (Insect-based feed) पारंपरिक चारे का एक टिकाऊ और किफायती विकल्प बनकर उभर रहा है। यह न केवल पशुपालन की लागत को कम कर सकता है, बल्कि एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (Antimicrobial Resistance) जैसी गंभीर समस्या से निपटने में भी मददगार साबित हो सकता है।

एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR) क्या है?

  • परिभाषा: जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और परजीवी समय के साथ दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं और दवाएं उन पर असर नहीं करतीं, तो इसे एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR) कहते हैं।
    इससे संक्रमण का इलाज करना कठिन हो जाता है, जिससे बीमारी के फैलने, गंभीर रूप लेने और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
  • गंभीरता:
    • हर साल लगभग 7 लाख लोग AMR के कारण मरते हैं।
    • यदि उपाय न किए गए, तो यह संख्या 2050 तक 1 करोड़ तक पहुँच सकती है।
    • यह वैश्विक GDP का 8% तक नुकसान पहुँचा सकता है।
कीटआधारित पशु आहार (Insect-Based Livestock Feed):
  • क्या है यह?
    • यह ऐसा पशु आहार है जो पोषक तत्वों से भरपूर कीटों जैसे ब्लैक सोल्जर फ्लाई, क्रिकेट, मीलवर्म और ग्रासहॉपर से तैयार किया जाता है।
    • यह पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए सस्टेनेबल प्रोटीन स्रोत के रूप में उभर रहा है।
  • किसने विकसित किया?
    • ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) और निजी संस्थान जैसे Ultra Nutri India, Loopworm, Bhairav Renderers ने मिलकर इसे विकसित किया है।
    • सहयोगी संस्थान: CIBA (केंद्रीय जलीय जीव पालन संस्थान) और CMFRI (केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान)

पारंपरिक पशु आहार और एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR) में संबंध:

जानवरों में एंटीबायोटिक का अत्यधिक प्रयोग:

  • वैश्विक स्तर पर 50% से अधिक एंटीबायोटिक्स का उपयोग पशुपालन में होता है – सिर्फ रोगों के इलाज के लिए नहीं, बल्कि विकास बढ़ाने के लिए भी।
  • इससे पशुओं की आंतों में मौजूद बैक्टीरिया लगातार एंटीबायोटिक के संपर्क में रहते हैं।

एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस जीन (ARGs) का विकास:

  • इस निरंतर संपर्क से बैक्टीरिया में प्रतिरोधक जीन विकसित हो जाते हैं, जो
    • खाद्य श्रृंखला,
    • जल व मिट्टी, और
    • सीधे संपर्क के माध्यम से मनुष्यों तक पहुँच सकते हैं।
  • इससे मानव स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न होता है।

कीटआधारित आहार का महत्व:

  • AMR पर रोक:
    • कीटों में प्राकृतिक एंटीमाइक्रोबियल पेप्टाइड्स (AMPs) होते हैं, जैसे डिफेंसिन्स और सेक्रोपिन्स, जो पशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करते हैं और रोगों की संभावना कम करते हैं।
    • इससे एंटीबायोटिक की आवश्यकता घटती है, और AMR पर नियंत्रण में मदद मिलती है।
  • पोषण संबंधी श्रेष्ठता: कीटों में होता है:
    • उच्च गुणवत्ता वाला पचने योग्य प्रोटीन,
    • आवश्यक अमीनो एसिड,
    • वसा, और
    • सूक्ष्म पोषक तत्व (जैसे जिंक, आयरन, कैल्शियम)।
  • कई मछलियों और मुर्गियों की पारंपरिक खुराक में कीट पहले से ही शामिल होते हैं।
  • आर्थिक लाभप्रदता:
    • शोध बताते हैं कि कीट-आधारित आहार का लाभलागत अनुपात पारंपरिक फिशमील या सोया मील से बेहतर होता है।
    • स्थानीय उत्पादन से महंगे प्रोटीन-युक्त आयातित आहारों पर निर्भरता भी घटती है।

Download Today Current Affairs PDF

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Posts

Scroll to Top