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प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका की 3 दिवसीय यात्रा के दौरान क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेते हुए स्वच्छ अर्थव्यवस्था, निष्पक्ष अर्थव्यवस्था, और व्यापक आईपीईएफ (IPEF) (भारत-प्रशांत आर्थिक ढांचा) समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ये समझौते भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
स्वच्छ अर्थव्यवस्था समझौता (स्तंभ-III)
- इस समझौते का मुख्य उद्देश्य:
- तकनीकी सहयोग और श्रम बल विकास को बढ़ावा देना।
- स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों के विकास में सहयोग करना।
- ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु लचीलापन, और ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन में कमी लाने के लिए संयुक्त प्रयास करना।
- मुख्य पहलें:
- निवेश और परियोजना वित्तपोषण में रियायतें।
- एमएसएमई के लिए तकनीकी सहायता।
- वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एकीकरण।
निष्पक्ष अर्थव्यवस्था समझौता (स्तंभ-IV)
- इस समझौते का उद्देश्य:
- पारदर्शिता और पूर्वानुमानित व्यापार वातावरण को विकसित करना।
- भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए सहयोग।
- मुख्य पहलें:
- सूचना साझा करना और संपत्ति की वसूली को सुविधाजनक बनाना।
- भ्रष्टाचार विरोधी उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करना।
व्यापक आईपीईएफ (IPEF) समझौता:
- यह समझौता एक प्रशासनिक तंत्र स्थापित करेगा, जो विभिन्न व्यक्तिगत आईपीईएफ (IPEF) समझौतों पर उच्च-स्तरीय निगरानी करेगा।
- विषय समझौतों (स्तंभ II-IV) के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगा, जिससे भारत की उत्पादक क्षमता बढ़ेगी और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
आईपीईएफ (IPEF) निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख पहलें:
- निवेशक फोरम:
निष्पक्ष अर्थव्यवस्था (स्तंभ-III) समझौते के तहत, IPEF भागीदारों ने हरित प्रौद्योगिकी में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न तरीकों का सहारा लिया है। पहला निवेशक फोरम 5-6 जून, 2024 को सिंगापुर में आयोजित हुआ, जिसमें:
- 23 अरब अमेरिकी डॉलर (1.91 लाख करोड़ रुपये) की प्राथमिकता वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की पहचान की गई।
- भारत से लगभग 4 अरब अमेरिकी डॉलर (33,200 करोड़ रुपये) की निवेश योजना बनाई गई, जो भारतीय अक्षय ऊर्जा कंपनियों में जाएगा।
- यूनाइटेड स्टेट्स इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएफसी) ने जलवायु निवेश और ऊर्जा परिवर्तन को समर्थन देने के लिए 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर (12,450 करोड़ रुपये) की प्रतिबद्धता जताई।
- आईपीईएफ (IPEF) के तहत फंड:
- आईपीईएफ उत्प्रेरक पूंजी कोष की स्थापना की, जिसका लक्ष्य 3.3 अरब अमेरिकी डॉलर (27,390 करोड़ रुपये) का निजी निवेश उत्प्रेरित करना है। प्रारंभ में, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कोरिया और अमेरिका से 33 मिलियन अमेरिकी डॉलर (273.9 करोड़ रुपये) का अनुदान प्राप्त हुआ।
- पीजीआई निवेश त्वरक को 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर (2,490 करोड़ रुपये) का प्रारंभिक वित्तपोषण मिला है।
- आईपीईएफ पहल:
- कौशल उन्नयन पहल: सितंबर 2022 में शुरू की गई, जिसका उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों को डिजिटल कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। अमेरिका ने 14 कंपनियों के माध्यम से 10.9 मिलियन अपस्किलिंग अवसर प्रदान किए, जिनमें भारत ने 4 मिलियन अवसरों का लाभ उठाया।
- महत्वपूर्ण खनिज संवाद: खनिज संसाधनों का मानचित्रण और तकनीकी सहयोग के माध्यम से महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना।
- टेक काउंसिल: प्रमुख प्रौद्योगिकियों पर समन्वय और सहयोग के लिए स्थापित की गई, जिसमें साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और समुद्र के अंदर केबल शामिल हैं।
- सहकारी कार्य कार्यक्रम (सीडब्ल्यूपी): स्वच्छ अर्थव्यवस्था समझौते के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों को सुविधाजनक बनाना।
आईपीईएफ (IPEF) के बारे में :
आईपीईएफ (IPEF) की स्थापना 23 मई 2022 को टोक्यो में हुई थी, जिसमें 14 देशों का सहयोग शामिल है, जैसे भारत, अमेरिका, जापान, और अन्य। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय विकास, आर्थिक स्थिरता, और समृद्धि को बढ़ावा देना है। इसमें चार प्रमुख स्तंभ हैं:
- व्यापार (स्तंभ I)
- आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन (स्तंभ II)
- स्वच्छ अर्थव्यवस्था (स्तंभ III)
- निष्पक्ष अर्थव्यवस्था (स्तंभ IV)
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