IPZ
संदर्भ:
केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने हाल ही में एक नया अधिसूचना (Notification) जारी किया है, जिसके तहत आइलैंड्स प्रोटेक्शन ज़ोन (IPZ) अधिसूचना 2011 के तहत आने वाली इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के नियमों को संशोधित और विस्तारित किया गया है। यह कदम द्वीपों में पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के साथ-साथ सतत विकास और पर्यटन सहित आवश्यक आधारभूत ढांचे को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
Island Protection Zone (IPZ) Notification, 2011:
परिचय:
- उद्गम: Environment (Protection) Act, 1986 के तहत अधिसूचित।
- उद्देश्य: अंडमान व निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप जैसे द्वीपीय क्षेत्रों की तटीय और समुद्री पारिस्थितिकी का संरक्षण और सुनियोजित विकास सुनिश्चित करना।
हालिया बदलाव:
- IPZ 2011 के अंतर्गत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की मंज़ूरी की वैधता अब 10 वर्षों के लिए बढ़ा दी गई है (पहले 7 वर्ष थी)।
- यह बदलाव बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन परियोजनाओं की पृष्ठभूमि में किया गया है।
उदाहरण परियोजना: ₹81,800 करोड़ की Great Nicobar Holistic Development Project, जिसमें शामिल हैं: पोर्ट, एयरपोर्ट, पावर प्लांट, टाउनशिप, ट्रंक रोड
महत्व:
- द्वीपीय पारिस्थितिकी अत्यंत संवेदनशील होती है—प्रवालीय भित्तियाँ, मैन्ग्रोव, समुद्री जैवविविधता।
- IPZ अधिसूचना इन संसाधनों के संतुलित संरक्षण और सतत विकास को सुनिश्चित करती है।
- यह पर्यटन, रक्षा और रणनीतिक परियोजनाओं के लिए भी एक मार्गदर्शिका है, जिससे पारिस्थितिकीय क्षति को कम किया जा सके।