ISSAR 2024
संदर्भ:
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने वर्ष 2024 के लिए भारतीय अंतरिक्ष स्थिति आकलन रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट ISRO की “सुरक्षित और सतत अंतरिक्ष संचालन प्रबंधन प्रणाली” (IS4OM) द्वारा संकलित की गई है, जो भारत की अंतरिक्ष गतिविधियों की निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।
ISSAR 2024 वैश्विक परिदृश्य–
रिकॉर्ड प्रक्षेपण:
- 261 लॉन्च प्रयास — अंतरिक्ष युग की शुरुआत से अब तक का सबसे अधिक
- इनमें 254 सफल लॉन्च, जिनसे 2,963 वस्तुएं कक्षा में स्थापित हुईं
- इनमें से 2,578 ऑपरेशनल सैटेलाइट्स हैं
चंद्र मिशनों में नई रुचि: 5 चंद्र अभियानों का प्रक्षेपण — चंद्र अन्वेषण में वैश्विक पुनरुत्थान का संकेत
अंतरिक्ष मलबा:
- 3 प्रमुख ब्रेक–अप घटनाएं
- चीन के लॉन्ग मार्च CZ-6A रॉकेट से ~650 मलबा टुकड़े उत्पन्न
- 702 नए फ्रैगमेंटेड ऑब्जेक्ट्स, जो 2023 के मुकाबले 10 गुना अधिक (2023 में 69)
री–एंट्री और सौर गतिविधि का प्रभाव: 2,095 कैटलॉग की गई वस्तुएं पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश कर चुकी हैं
भारतीय परिदृश्य:
कुल भारतीय उपग्रह : 136 भारतीय अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा में
ऑपरेशनल सैटेलाइट्स:
- 22 लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में
- 31 जियोस्टेशनरी ऑर्बिट (GEO) में
सक्रिय डीप स्पेस मिशन:
- चंद्रयान-2 ऑर्बिटर (CH2O)
- आदित्य-L1, सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज बिंदु पर
- चंद्रयान-3 प्रपल्शन मॉड्यूल, उच्च पृथ्वी कक्षा में पुनः स्थापित
ऐतिहासिक अंतरिक्ष मलबा:
- PSLV-C3 (2001) का ऊपरी चरण टूटकर 371 टुकड़े बना चुका है
- इनमें से 41 टुकड़े अब भी कक्षा में मौजूद
सैटेलाइट पुनः प्रवेश:
- अब तक 31 भारतीय उपग्रहों का क्षय
- 2024 में 9 उपग्रह पुनः प्रवेश कर चुके हैं