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संदर्भ:
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025-26 में जल जीवन मिशन (JJM) को 2028 तक बढ़ाने की घोषणा की है। इस विस्तार के लिए 67,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
जल जीवन मिशन (JJM) के बारे में:
- शुरुआत: वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया।
- उद्देश्य: सभी ग्रामीण घरों में कार्यात्मक नल कनेक्शन (FHTC) प्रदान करना।
- प्रति व्यक्ति 55 लीटर प्रति दिन सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करना।
- समयसीमा: प्रारंभिक लक्ष्य 2024 था, लेकिन कार्यान्वयन में चुनौतियों के कारण इसे 2028 तक बढ़ा दिया गया है।
- वर्तमान प्राथमिकता:
- गुणवत्तापूर्ण अवसंरचना (Infrastructure)।
- सतत संचालन और रखरखाव।
- “जन भागीदारी” (People’s Participation) के तहत सामुदायिक नेतृत्व प्रबंधन।
जल जीवन मिशन (JJM) की प्रमुख उपलब्धियाँ:
- पाइप से पेयजल की पहुंच:
- 2019 में: 3.23 करोड़ परिवारों के पास पाइपयुक्त जल उपलब्ध था।
- 2024-25 तक: यह संख्या 12 करोड़ से अधिक हो गई।
- 100% कवरेज हासिल करने वाले राज्य: अरुणाचल प्रदेश, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, पंजाब, तेलंगाना और मिज़ोरम।
- 100% कवरेज हासिल करने वाले केंद्रशासित प्रदेश: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा नगर हवेली एवं दमन और दीव, और पुडुचेरी।
जल जीवन मिशन (JJM) के कार्यान्वयन में चुनौतियाँ:
- अवसंरचना और कनेक्टिविटी समस्याएँ:
- “लो-हैंगिंग फ्रूट” रणनीति: पहले से मौजूद बुनियादी ढांचे वाले क्षेत्रों में कवरेज तेजी से बढ़ा, लेकिन दूरस्थ गांवों तक विस्तार करना कठिन साबित हो रहा है।
- जलाशय-से-गांव पाइपलाइन: कई गांवों में जलाशयों से पानी लाने के लिए लंबी पाइपलाइन बिछाने की जरूरत है, जिससे लागत और जटिलता बढ़ जाती है।
- बाहरी कारकों के कारण लागत बढ़ोतरी:
- COVID-19 प्रभाव: आपूर्ति श्रृंखला और श्रमिक उपलब्धता में व्यवधान।
- रूस-यूक्रेन युद्ध: उपकरण और सामग्री की लागत बढ़ने से बजट पर दबाव।
- कार्यान्वयन में रुकावटें: धन का अपर्याप्त उपयोग: 2024-25 में ₹50,000 करोड़ अप्रयुक्त रह गए, जो क्रियान्वयन में अक्षमताओं को दर्शाता है।