Kalanamak Rice
संदर्भ:
उत्तर प्रदेश सरकार ने वाणिज्य मंत्रालय के साथ परामर्श कर काला नमक चावल के निर्यात को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।
कलानमक चावल (Kalanamak Rice) के बारे में जानकारी:
परिचय:
- कलानमक एक पारंपरिक धान की किस्म है, जिसके दाने के बाहरी आवरण (हस्क) का रंग काला होता है और इसकी खुशबू बहुत मजबूत और सुगंधित होती है।
ऐतिहासिक महत्व:
- इसे भगवान बुद्ध का श्रीवास्ति के लोगों को दिया गया उपहार माना जाता है, जब वे ज्ञान प्राप्ति के बाद इस क्षेत्र में आए थे।
आबादी क्षेत्र:
- यह पूर्वी उत्तर प्रदेश में, विशेषकर सिद्धार्थनगर जिले में उगाई जाती है।
- सिद्धार्थनगर में इसे एक जिला एक उत्पाद (ODOP) के रूप में मान्यता मिली है।
- इसके अलावा, यह उत्तर-पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र के 11 जिलों और नेपाल में भी उगाई जाती है।
खेती में चुनौती – लॉजिंग:
- कलानमक चावल की पारंपरिक किस्म में ‘लॉजिंग’ की समस्या होती है।
- लॉजिंग वह स्थिति है जब पौधे के ऊपरी हिस्से में दाने बनने के कारण वजन बढ़ जाता है, तना कमजोर हो जाता है, और पौधा ज़मीन पर गिर जाता है।
- इसी कारण इसकी पैदावार कम होती है।
पोषण संबंधी गुण:
- यह पोषण से भरपूर है।
- इसमें आयरन और एंटीऑक्सिडेंट्स की मात्रा अधिक होती है।
- इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।
- यह प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन-फ्री होता है, जिससे यह डायबिटीज़ रोगियों के लिए एक स्वस्थ विकल्प बनता है।
सुरक्षा और संरक्षण: कलानमक चावल को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग के तहत सुरक्षित किया गया है।