संदर्भ:
कच्चाथीवु द्वीप: तमिलनाडु विधानसभा ने एकमत से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से श्रीलंका से कच्चाथीवु द्वीप वापस लेने का आग्रह किया।
कच्चाथीवु द्वीप के बारे में:
परिचय:
- कच्चाथीवु द्वीप एक छोटा, निर्जन द्वीप है, जिसका क्षेत्रफल मात्र 285 एकड़ है।
- यह भारत और श्रीलंका के बीच पाल्क स्ट्रेट (Palk Strait) में स्थित है।
- ऐतिहासिक रूप से, यह रामनाड के राजा (वर्तमान में रामनाथपुरम, तमिलनाडु) के स्वामित्व में था।
- यह द्वीप भारतीय और श्रीलंकाई मछुआरों द्वारा अपने जाल सुखाने के लिए उपयोग किया जाता है।
धार्मिक और पारिस्थितिक महत्व:
- यहाँ सेंट एंथोनी चर्च स्थित है, जो शताब्दियों पुराना एक कैथोलिक तीर्थस्थल है।
- यह भारत और श्रीलंका दोनों के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है।
- कच्चाथीवु समुद्री पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा है, जो स्थानीय वनस्पति और जीव-जंतुओं का समर्थन करता है।
कच्चाथीवु द्वीप का इतिहास:
- ब्रिटिश शासन के दौरान, यह द्वीप भारत और श्रीलंका द्वारा संयुक्त रूप से प्रशासित किया जाता था।
- 20वीं सदी की शुरुआत में, श्रीलंका ने इस द्वीप पर अपना क्षेत्रीय दावा पेश किया।
- 1974 में, भारत और श्रीलंका के बीच एक संयुक्त समझौते के तहत भारत ने यह द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया।
- 1976 में, भारत ने इस क्षेत्र में अपने मछली पकड़ने के अधिकार भी त्याग दिए।
कच्चाथीवु द्वीप और भारत–श्रीलंका संधियाँ:
- 1974 और 1976 में, भारत और श्रीलंका के बीच दो संधियाँ हुईं, जिनके तहतअंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) का निर्धारण किया गया।
- इन समझौतों के तहतभारत ने कच्चाथीवु द्वीप पर अपना दावा छोड़ दिया और 1976 में इस क्षेत्र में मछली पकड़ने के अधिकार भी त्याग दिए।
- हालांकि, ये संधियाँ भारतीय मछुआरों को इन जल क्षेत्रों में मछली पकड़ने से रोकने में विफल रहीं, क्योंकिसमुद्र में मछुआरे सीमाएँ नहीं मानते।
- आज भी भारतीय मछुआरों के इस क्षेत्र में मछली पकड़ने से जुड़ी समस्याएँ बनी हुई हैं, जिसके कारणअक्सर गिरफ्तारियाँ और राजनयिक विवाद उत्पन्न होते हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा और कच्चाथीवु द्वीप:
- IMBL (International Maritime Boundary Line) भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री सीमा को निर्धारित करने वाली रेखा है, जिसे 1974 के भारत-श्रीलंका समुद्री सीमा समझौते के तहत तय किया गया था।
- यह संयुक्त राष्ट्र समुद्री क़ानून (UNCLOS) के आधार पर बनाई गई थी।
- सामान्यतः समुद्री सीमाएँ “समान दूरी सिद्धांत” पर आधारित होती हैं, जिसमें दोनों देशों के तटों से समान दूरी पर एक मध्य रेखा खींची जाती है।
- IMBL के माध्यम से विशेष आर्थिक क्षेत्र , क्षेत्रीय जल (Territorial Waters) और अन्य समुद्री क्षेत्रों की सीमाएँ तय की जाती हैं।
- 1974 की संधि के कारण इस मध्य रेखा में समायोजन किया गया, जिससे कच्चाथीवु द्वीप श्रीलंका की संप्रभुता के अंतर्गत आ गया।