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संदर्भ:
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने आंध्र प्रदेश सरकार को कोल्लेरू आर्द्रभूमि क्षेत्र में छह बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर आगे बढ़ने से रोक दिया है।
कोल्लेरू आर्द्रभूमि क्षेत्र (कोल्लेरू झील) के बारे में:
- भौगोलिक स्थिति:
- पूर्वोत्तर आंध्र प्रदेश में स्थित एक प्राकृतिक, उथली, मीठे पानी की झील।
- कृष्णा और गोदावरी डेल्टा के बीच, एलुरु शहर के पास स्थित।
विशेषताएँ:
- एशिया की सबसे बड़ी उथली मीठे पानी की झील।
- कुल क्षेत्रफल 308 वर्ग किमी।
- कृष्णा और गोदावरी नदियों के बाढ़ नियंत्रण जलाशय के रूप में कार्य करती है।
- उप्पुतेरु नदी के माध्यम से बंगाल की खाड़ी में प्रवाहित होती है।
- कभी-कभी हल्का खारा पानी इस झील में प्रवेश कर जाता है।
संरक्षण स्थिति:
- 1999 में वन्यजीव अभयारण्य घोषित।
- 2002 में रामसर स्थल के रूप में मान्यता।
पक्षी विविधता और प्रवास मार्ग:
- 50,000 से अधिक जलपक्षियों का वासस्थान, इसलिए महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (IBA) घोषित।
- सेंट्रल एशियन फ्लाईवे (CAF) प्रवासी मार्ग पर स्थित।
- मुख्य पक्षी प्रजातियाँ: साइबेरियन क्रेन, पेलिकन, पेंटेड स्टॉर्क
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के बारे में:
- स्थापना:
- 2010 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 के तहत स्थापित।
- पर्यावरण संरक्षण, वन और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से जुड़े मामलों के त्वरित निपटारे के लिए।
- विशेषता:
- यह एक विशेषीकृत निकाय है, जो बहु–अनुशासनात्मक पर्यावरणीय विवादों को हल करने की विशेषज्ञता रखता है।
- दिवानी प्रक्रिया संहिता, 1908 (CPC) से बंधा नहीं, बल्कि प्राकृतिक न्याय (Natural Justice) के सिद्धांतों द्वारा संचालित होता है।
- केस दर्ज होने के 6 महीने के भीतर निपटारा करने का प्रावधान।
- मुख्य कार्यालय और क्षेत्रीय पीठ:
- मुख्य कार्यालय: नई दिल्ली।
- अन्य चार क्षेत्रीय पीठ: भोपाल, पुणे, कोलकाता और चेन्नई।
- संरचना (Composition):
- अध्यक्ष: सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश।
- न्यायिक सदस्य: सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय न्यायाधीश।
- विशेषज्ञ सदस्य: पर्यावरण या वन संरक्षण से जुड़े क्षेत्र में कम से कम 15 वर्षों का अनुभव रखने वाले पेशेवर।