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संदर्भ:
कुष्ठ रोग संचरण: केंद्र सरकार ने 2027 तक संक्रमण रोकने के उद्देश्य से पॉसी–बैसिलरी (PB) मामलों के लिए दो–दवा प्रणाली की जगह नई तीन–दवा प्रणाली को मंजूरी दी है। यह उपचार 6 महीने तक चलेगा और कुष्ठ रोग के प्रभावी नियंत्रण में सहायक होगा।
कुष्ठ रोग (Leprosy):
कुष्ठ रोग, जिसे हैन्सन रोग भी कहा जाता है, एक दीर्घकालिक संक्रामक रोग है जो एक प्रकार के बैक्टीरिया, Mycobacterium leprae के कारण होता है।
कुष्ठ रोग के प्रभाव:
- यह रोग मुख्य रूप से त्वचा और परिधीय तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है।
- इलाज न होने पर यह रोग प्रगति कर स्थायी विकलांगता का कारण बन सकता है।
- शारीरिक विकृति के अलावा, कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों को कलंक और भेदभाव का सामना भी करना पड़ता है।
कुष्ठ रोग का वैश्विक प्रभाव:
- यह एक नज़रअंदाज किया गया उष्णकटिबंधीय रोग (NTD) है जो अभी भी 120 से अधिक देशों में पाया जाता है, और हर साल 200,000 से अधिक नए मामले रिपोर्ट होते हैं।
- कुष्ठ रोग सभी आयु वर्गों में हो सकता है, चाहे वह बाल्यकाल हो या वृद्धावस्था।
कुष्ठ रोग का संचरण (Transmission):
- यह रोग लंबे समय तक, करीबी संपर्क के दौरान, बिना इलाज के कुष्ठ रोगी के नाक और मुँह से निकलने वाली बूँदों के माध्यम से फैलता है।
- यह रोग सामान्य संपर्क (जैसे हाथ मिलाना, गले मिलना, भोजन साझा करना या एक साथ बैठना) से नहीं फैलता।
- उपचार शुरू करने के बाद रोगी अब संक्रमण नहीं फैलाता।
कुष्ठ रोग के लक्षण (Symptoms):
- यह बैक्टीरिया के संपर्क में आने के बाद लक्षण प्रकट होने में आमतौर पर 3 से 5 वर्ष का समय लेता है।
- कुष्ठ रोग का मुख्य लक्षण असामान्य त्वचा घाव, गांठें या धक्के होते हैं जो कई हफ्तों या महीनों तक ठीक नहीं होते।
- कुछ मामलों में, शरीर के हिस्से अपनी स्पर्श और दर्द की भावना खो सकते हैं, जिससे चोटें जैसे कि कट और जलन होने की संभावना बढ़ जाती है।
कुष्ठ रोग का उपचार (Treatment):
- कुष्ठ रोग एक इलाज योग्य रोग है।
- वर्तमान में अनुशंसित उपचार में तीन दवाइयों (dapsone, rifampicin, और clofazimine) का संयोजन होता है, जिसे मल्टी–ड्रग थेरेपी (MDT) कहा जाता है।
भारत में कुष्ठ रोग उन्मूलन की प्रगति:
- 2005 में उपलब्धि: भारत ने 2005 में कुष्ठ रोग को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में समाप्त किया।
- WHO परिभाषा: 1 लाख की जनसंख्या पर 10 से कम मामले को उन्मूलन माना जाता है।
प्रमुख पहल:
- राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (NSP) और रोडमैप (2023-27)
- शुरुआत: 30 जनवरी 2023 को लॉन्च किया गया।
- लक्ष्य: 2027 तक संक्रमण समाप्त करना (SDG लक्ष्य से 3 वर्ष पहले)।
- मुख्य फोकस:
- जागरूकता बढ़ाना (कलंक और भेदभाव मिटाने के लिए)।
- मामलों की जल्द पहचान सुनिश्चित करना।
- संक्रमण रोकथाम (Post-Exposure Prophylaxis के जरिए)।
- Nikusth 2.0 (वेब-पोर्टल के माध्यम से मामलों की रिपोर्टिंग)।
- राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम (NLEP) पहल
- जल्द पहचान पर जोर (Grade 2 Disabilities रोकने के लिए)।
- मुफ्त उपचार की सुविधा उपलब्ध।