संदर्भ:
लोदी गार्डन (Lodhi Gardens) : नई दिल्ली के केंद्र में स्थित लोधी गार्डन ने एक सार्वजनिक उद्यान के रूप में अपनी स्थापना के 89 वर्ष पूरे कर लिए हैं।
लोदी गार्डन (Lodhi Gardens) का परिचय:
- लोदी गार्डन की शुरुआत 14वीं और 15वीं सदी में हुई थी और इसे पहले ‘बाग़–ए–जुद‘ कहा जाता था।
- इसकी जड़ें हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह से जुड़ी हैं और यह सैय्यद वंश तथा लोदी वंश के समय एक कब्रिस्तान के रूप में विकसित हुआ।
- यहाँ इंडो–इस्लामिक वास्तुकला (Indo-Islamic Architecture) का अद्भुत उदाहरण देखने को मिलता है।
- ब्रिटिश काल में इस गार्डन का विकास हुआ और 9 अप्रैल 1936 को लेडी विलिंग्डन द्वारा इसका उद्घाटन किया गया।
लोदी गार्डन की मुख्य स्थापत्य स्थल:
मुहम्मद शाह की समाधि:
- यह इस बाग की सबसे पुरानी संरचना है।
- इसे सैय्यद वंश के तीसरे शासक मुहम्मद शाह के लिए बनवाया गया था।
सिकंदर लोदी की समाधि
- यह एक अष्टकोणीय (octagonal) आकार की मक़बरा है।
- लोदी वंश की वास्तुकला का उत्तम उदाहरण है।
शीश गुंबद:
- इसमें कुछ गुमनाम कब्रें मौजूद हैं।
- इसकी दीवारों पर रंगीन चमकदार टाइलों की कलाकारी देखने को मिलती है।
बड़ा गुंबद:
- यह एक विशाल गुंबदनुमा प्रवेश द्वार है।
- इसके अंदर एक सुंदर मस्जिद है जिसमें तीन गुंबद हैं।
ख़ैरपुर सातपुला पुल:
- यह एक जल पुल है जिसे मुगल सम्राट अकबर के दरबारी नवाब मिर्ज़ा ने बनवाया था।
- यह लोदी गार्डन में मुगल काल का स्पर्श जोड़ता है।
लोदी गार्डन की विशेषताएँ:
- यह बाग इतिहास, स्थापत्य और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत मेल है।
- यहाँ लोग सैर, योग, फ़ोटोग्राफ़ी और इतिहास को देखने के लिए आते हैं।
- यह दिल्ली के सबसे शांत और सुंदर स्थानों में से एक है।