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हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री ने पश्चिम बंगाल के पेट्रापोल में भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण (LPAI) द्वारा 487 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित एक नए यात्री टर्मिनल भवन और मैत्री द्वार का उद्घाटन किया।
भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण (LPAI) के बारे में:
- स्थापना: यह प्राधिकरण भूमि बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम, 2010 के तहत गठित किया गया है।
- उद्देश्य: इसका गठन भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर निर्दिष्ट बिंदुओं पर यात्रियों और माल की सीमा पार आवाजाही के लिए सुविधाओं के विकास और प्रबंधन के लिए किया गया है।
- अधिदेश: यह भारत में सीमा अवसंरचना के निर्माण, उन्नयन, रखरखाव और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है और भारत की सीमाओं पर कई एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) का प्रबंधन करता है।
संगठन:
- अध्यक्ष और सदस्य: अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति केन्द्र सरकार द्वारा की जाती है।
- कार्यकाल: अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष की अवधि तक होता है, या जब तक वे साठ वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेते, जो भी पहले हो।
कार्य: एलपीएआई का कार्य भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर यात्रियों और माल की सीमा पार आवाजाही के लिए सुविधाओं का विकास, स्वच्छता और प्रबंधन करना है।
नोडल मंत्रालय: यह प्राधिकरण गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
पेट्रापोल के बारे में मुख्य बातें:
- महत्व: पेट्रापोल दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा भूमि बंदरगाह है और यह भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार और वाणिज्य के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है।
- आवाजाही: यह भारत का आठवां सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय आव्रजन बंदरगाह भी है, जो भारत और बांग्लादेश के बीच सालाना 23.5 लाख से अधिक यात्रियों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करता है।
निष्कर्ष: भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण का उद्देश्य सीमापार आवाजाही को सुविधाजनक बनाना और सीमा अवसंरचना का विकास करना है, जो न केवल व्यापार को बढ़ावा देता है बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करता है। पेट्रापोल जैसे प्रमुख बंदरगाहों का विकास इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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