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भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 12 नवंबर, 2024 को ओडिशा के चांदीपुर के पास स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से एक लंबी दूरी की लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LRLACM) का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया। यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) में एक मोबाइल आर्टिकुलेटेड लॉन्चर से किया गया, और मिसाइल ने सभी मिशन लक्ष्यों को पूरा करते हुए योजनानुसार प्रदर्शन किया। इस मिसाइल की रेंज 1,000 किमी है।
परीक्षण का विवरण:
- सेंसर और निगरानी: परीक्षण के दौरान LRLACM को रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलीमेट्री उपकरणों के माध्यम से पूरी तरह से मॉनिटर किया गया, जो मिसाइल के उड़ान मार्ग पर तैनात थे।
- नवीनतम क्षमताएँ: मिसाइल ने निर्धारित मार्ग पर शुद्धता से नेविगेशन किया और विभिन्न ऊंचाइयों और गति पर जटिल मोड़ों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।
LRLACM का महत्व:
- लंबी दूरी की सटीकता: LRLACM मिसाइल का उपयोग सटीक और लंबी दूरी के हमलों के लिए किया जाता है, जिससे यह स्ट्रैटेजिक लक्ष्यों को दूर से, सुरक्षित स्थानों से निशाना बना सकती है।
- जमीन और समुद्र दोनों से लॉन्च: इसे मोबाइल ग्राउंड प्लेटफार्म और जहाजों से लॉन्च किया जा सकता है। इसके लिए यूनिवर्सल वर्टिकल लॉन्च मॉड्यूल (UVLM) का इस्तेमाल किया जाता है, जो पहले ही भारतीय नौसेना के 30 जहाजों पर ऑपरेशनल है।
स्थानीय विकास:
- स्थानीय निर्माण: DRDO के एरोनॉटिकल डेवेलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (ADE) ने इस मिसाइल का पूर्ण रूप से स्वदेशी निर्माण किया है। इसके प्रमुख घटक स्थानीय स्रोतों से प्राप्त किए गए हैं, सिवाय कुछ सेंसर और एक्सेलेरोमीटर के।
- सहयोगी संगठन: भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL), हैदराबाद और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), बेंगलुरु, इसके विकास और एकीकरण में योगदान दे रहे हैं।
आगामी परीक्षण और खरीद:
- आगामी परीक्षण: मिसाइल के प्रदर्शन को और बेहतर बनाने के लिए करीब 20 और परीक्षण उड़ानें निर्धारित की गई हैं, जिसमें स्वदेशी रेडियो-फ्रीक्वेंसी सीकर का इस्तेमाल करके टर्मिनल होमिंग भी की जाएगी।
- भारतीय नौसेना की खरीद: DRDO के परीक्षण पूर्ण होने के बाद भारतीय नौसेना लगभग 200 LRLACM की खरीद की योजना बना रही है, जिनकी अनुमानित कीमत 5,000 करोड़ रुपये होगी।
- यह मिसाइल एक मिशन मोड परियोजना है, जिसे रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) द्वारा मंजूरी प्राप्त है, और इसकी सेवा में प्रवेश की निर्धारित समयसीमा भी तय की गई है। LRLACM की सफलता भारतीय सशस्त्र बलों, विशेष रूप से भारतीय नौसेना, की सामरिक क्षमताओं को बढ़ाएगी।
- रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण पर DRDO को बधाई दी और इसे भारत के स्वदेशी क्रूज मिसाइल विकास कार्यक्रमों के लिए एक नई दिशा बताया।
- निरंतर विकास: निर्भय मिसाइल, जो 1,000 किमी की रेंज के साथ जमीन के बहुत पास उड़ान भरती है (terrain-hugging capability), इसके कई परीक्षण किए गए थे और कुछ विफलताएँ भी आईं। LRLACM, U.S. Tomahawk क्रूज मिसाइल की तरह भारतीय सशस्त्र बलों को भूमि पर लक्ष्य को मारा जाने के लिए लंबी दूरी की स्टैंडऑफ क्षमता प्रदान करेगा।
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