Madhubani and Gond Paintings
संदर्भ:
‘कलाआत्मक प्रवास कार्यक्रम – कला उत्सव’ के तहत गोंड कला और मधुबनी कला के कलाकारों ने राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भेंट की।
(Madhubani and Gond Paintings) मधुबनी और गोंड चित्रकला:
मधुबनी चित्रकला (Madhubani Paintings):
- उत्पत्ति स्थल: बिहार के मधुबनी ज़िले में स्थित मिथिला क्षेत्र से उत्पन्न।
- विशेषताएँ:
- जटिल रेखाचित्रों से भरपूर, जिनमें चटकीले और मिट्टी के रंग प्रयोग होते हैं।
- जनजातीय रूपांकनों (tribal motifs) और हिंदू पौराणिक कथाओं पर आधारित विषयवस्तु।
- परंपरागत रूप से विवाह के कमरे की दीवारों पर महिलाओं द्वारा बनाई जाती थीं।
- प्रमुख विषय:
- विवाह और प्रजनन का प्रतीकात्मक चित्रण।
- मानव आकृतियाँ, पशु-पक्षी, वृक्ष, फूल आदि को प्रमुखता से दर्शाया जाता है।
गोंड चित्रकला (Gond Paintings):
जनजातीय पृष्ठभूमि: गोंड भारत की प्रमुख जनजातियों में से एक हैं, मुख्य रूप से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में निवास करते हैं।
ऐतिहासिक सन्दर्भ:
- अकबरनामा में गोंड राज्य गढ़ा कटंगा (70,000 गाँवों वाला साम्राज्य) का उल्लेख मिलता है।
- गोंड जनजाति द्रविड़ नस्ल से संबंधित है, जो संगीत, नृत्य और कथावाचन में रुचि रखते हैं।
चित्रकला की विशेषताएँ:
- इसे “थिंगना” (Thingna) भी कहा जाता है।
- घोड़े, हाथी, पक्षी, मानव आकृतियाँ व ज्यामितीय डिजाइन सामान्य रूप से चित्रित किए जाते हैं।
- प्राकृतिक रंगों (सफेद, लाल, पीला, काला) का प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग और सजावट:
- दरवाज़ों, खिड़कियों और आँगनों के आसपास चित्रित।
गाय के गोबर और चावल की भूसी से उभरे हुए डिज़ाइन बनाए जाते हैं