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संदर्भ:
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपना इस्तीफा गवर्नर अजय कुमार भल्ला को सौंप दिया, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। गवर्नर ने बीरेन सिंह को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में पद संभालने के लिए कहा है। मणिपुर में21 महीने से कुकी–मैतेई समुदाय के बीच जारी हिंसा के कारण मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पर जबरदस्त दबाव था।
एन बीरेन सिंह का इस्तीफ़ा (मणिपुर हिंसा: कैसे शुरू हुई और वर्तमान स्थिति)
- हिंसा की शुरुआत (मई 2023):
- मणिपुर उच्च न्यायालय ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया।
- आदिवासी छात्र संघ (ATS) ने इसके विरोध में रैली आयोजित की, जिससे मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष भड़क गया।
- जातीय संघर्ष और परिणाम:
- घाटी क्षेत्र: मैतेई समुदाय का नियंत्रण।
- पहाड़ी क्षेत्र: कुकी समुदाय का दबदबा।
- संघर्ष के कारण: आरक्षण और सरकारी अनुदान को लेकर विवाद।
- हिंसा में:
- 250+ लोगों की मौत।
- 60,000+ लोग बेघर हुए।
- कई जिलों में कर्फ्यू और इंटरनेट सेवाएं बंद।
- 2024 के अंत में स्थिति:
- जिरीबाम में 6 शव मिलने के बाद विरोध प्रदर्शन तेज।
- स्थिति को काबू में लाने के लिए सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाई गई।
मुख्यमंत्री:
- मुख्यमंत्री की स्थिति केंद्र में प्रधानमंत्री के समान होती है।
- संविधानिक प्रावधान:
- अनुच्छेद 163: मंत्रिपरिषद राज्यपाल की सहायता और सलाह देगी।
- अनुच्छेद 164: मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाएगी।
- संसदीय प्रणाली में मुख्यमंत्री की भूमिका:
- वास्तविक कार्यकारी (De facto executive) मुख्यमंत्री होते हैं।
- राज्यपाल केवल औपचारिक प्रमुख (Nominal; De jure executive) होते हैं।
- मुख्यमंत्री सरकार का प्रमुख होता है, जबकि राज्यपाल राज्य का प्रमुख होता है।
मुख्यमंत्री की नियुक्ति प्रक्रिया
- अनुच्छेद 164: राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति करेगा।
- लेकिन राज्यपाल स्वतंत्र रूप से किसी को भी मुख्यमंत्री नियुक्त नहीं कर सकते।
- संसदीय परंपरा: राज्यपाल को विधानसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करना होता है।
- शपथ ग्रहण: राज्यपाल मुख्यमंत्री को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाते हैं।
- कार्यकाल:
- मुख्यमंत्री का कार्यकाल निश्चित नहीं होता।
- वह राज्यपाल की इच्छा पर पद पर बना रहता है, लेकिन जब तक विधानसभा में बहुमत है, तब तक उसे हटाया नहीं जा सकता।
- विश्वास मत और बर्खास्तगी: यदि मुख्यमंत्री विधानसभा का विश्वास (बहुमत) खो देता है, तो उसे इस्तीफा देना होगा या राज्यपाल उसे बर्खास्त कर सकते हैं।