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संदर्भ:
मातृत्व अधिकार: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013) के तहत मातृत्व लाभों को सुनिश्चित करने वाले कानूनी प्रावधानों के बावजूद, भारत में अधिकांश गर्भवती महिलाओं को हाल के वर्षों में ये लाभ प्राप्त नहीं हुए हैं।
भारत में मातृत्व अधिकार एवं मातृत्व लाभ योजनाएँ
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) 2013:
- सभी गर्भवती महिलाओं को ₹6,000 प्रति बच्चा प्रदान करने का प्रावधान।
- औपचारिक क्षेत्र (Formal Sector) की महिलाओं को छोड़कर सभी को यह लाभ मिलता है।
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY):
- 2017 में शुरू की गई, पहले एक ही बच्चे के लिए लाभ दिया जाता था।
- बाद में इसे दूसरे बच्चे (यदि लड़की हो) पर भी लागू किया गया।
- अनौपचारिक क्षेत्र (Informal Sector) की महिलाओं को ₹5,000 की सहायता दी जाती है।
- मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 (संशोधित 2017):
- औपचारिक क्षेत्र की महिलाओं को 26 सप्ताह का वेतन सहित मातृत्व अवकाश (Paid Maternity Leave) दिया जाता है।
- जबकि PMMVY के तहत अनौपचारिक क्षेत्र की महिलाओं को मात्र ₹5,000 मिलते हैं।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) से जुड़ी समस्याएँ:
- पारदर्शिता की कमी (Lack of Transparency):
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) द्वारा PMMVY की सीमित जानकारी सार्वजनिक की जाती है।
- यह सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 के धारा 4 का उल्लंघन करता है, जिसमें मौलिक जानकारी के स्वप्रसार (Proactive Disclosure) का प्रावधान है।
- लाभार्थियों की संख्या जैसी महत्वपूर्ण जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है।
- कवरेज में गिरावट (Declining Coverage):
- RTI आधारित आंकड़ों के अनुसार, PMMVY का प्रभावी कवरेज तेजी से घटा है:
- 2019-20: अधिकतम 36% महिलाओं को कम से कम एक किस्त मिली।
- 2023-24: यह गिरकर मात्र 9% रह गया।
- RTI आधारित आंकड़ों के अनुसार, PMMVY का प्रभावी कवरेज तेजी से घटा है:
- शर्तों की जटिलता (Associated Conditionalities): दूसरी किस्त प्राप्त करने के लिए कई शर्तें लागू की गई हैं, जिससे लाभ प्राप्त करना कठिन हो जाता है।
- बजट में कटौती (Budget Cuts): केंद्र सरकार का PMMVY पर खर्च धीरे–धीरे घटा है:
- 2018-19: खर्च काफी अधिक था।
- 2023-24: केवल ₹870 करोड़, जो पांच साल पहले की राशि का मात्र एक–तिहाई है।
- अपर्याप्त वित्तीय प्रावधान (Underfunded Scheme): यदि 90% जन्मों को कवरकरना हो और ₹6,000 प्रति बच्चा देना हो, तो
- PMMVY बजट ₹12,000 करोड़ होना चाहिए,
- लेकिन यह काफी कम आवंटन के कारण प्रभावी नहीं है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) – तमिलनाडु और ओडिशा में:
- अधिक वित्तीय सहायता:
- ओडिशा: प्रति बच्चा ₹10,000 (2024 चुनाव से पहले दोगुनी की गई)।
- तमिलनाडु: ₹18,000 (DMK सरकार ने 2021 में ₹24,000 का वादा किया था)।
- PMMVY: अभी भी केवल ₹5,000, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के मानकों से कम है।
- बेहतर कार्यान्वयन:
- ओडिशा: 64% जन्मों को कवर किया (2021-22)।
- तमिलनाडु: 84% कवरेज (2023-24)।
- PMMVY: पूरे देश में 10% से भी कम कवरेज।