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पृथ्वी इस सितंबर में एक अस्थायी ‘मिनी-मून’ का स्वागत करने के लिए तैयार है

चर्चा में क्यों ?

हाल ही मे एक नए अध्ययन के अनुसार, पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र एक छोटे से क्षुद्रग्रह, जिसे 2024 PT5 नाम दिया गया है, को अस्थायी रूप से अपनी ओर आकर्षित कर लिया है। यह एस्टेरॉयड दो महीने के लिए चांद की तरह पृथ्वी के चक्कर लगा रहा है, इसलिए इसे मिनी-मून (Mini Moon) नाम दिया गया है।

  • इस दो महीने की अवधि के दौरान एस्टेरॉयड पृथ्वी का चक्कर लगाएगा। लेकिन कम स्पीड होने की वजह से यह पृथ्वी की एक परिक्रमा नहीं कर पाएगा। पृथ्वी के चारों ओर एक घोड़े की नाल जैसी कक्षा बनाएगा।
  • 25 नवंबर 2024 के बाद यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकल जाएगा और एक बार फिर सूर्य की परिक्रमा करने लगेगा
  • इस क्षुद्रग्रह का पता NASA द्वारा वित्त पोषित एस्टेरॉयड टेर्रेशियल-इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम (ATLAS) की मदद से लगाया गया।

मिनी-मून के बारे में (About Mini Moon):

  • “मिनी चाँद” (Mini moons) विभिन्न प्रकार के खगोलीय वस्तुएँ (celestial objects) हो सकते हैं, जैसे कि क्षुद्रग्रह या अंतरिक्ष में तैरती हुई कचरे की वस्तुएँ।
  • ये वस्तुएँ पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र (gravitational field ) में प्रवेश करती हैं और अक्सर हमारे ग्रह के चारों ओर कम से कम एक आंशिक परिक्रमा करती हैं।
  • कई बार, यह वस्तुएँ पूरी परिक्रमा भी नहीं करतीं और सीधे बाहर निकल जाती हैं, फिर अपनी नियमित सूर्यकेंद्रीय कक्षाओं (heliocentric orbits) में लौट जाती हैं।

2024 PT5 का आगमन (Arrival of 2024 PT5):

  • यह चांद (Mini Moon) एक एस्टेरॉयड है, जिसका नाम 2024 PT5 है,इसे 7 अगस्त को खोजा गया था। इसका डायमीटर लगभग 10 मीटर है। ये एस्टेरॉयड 9 सितंबर से अर्थ की ऑर्बिट में घूम रहा है और अगले 77 दिन यानी 25 नवंबर तक ऐसा करता रहेगा।
  • 2024 PT5 “अर्जुन क्षुद्रग्रह बेल्ट” (Arjuna Asteroid Belt) से आया है, जो ऐसी क्षुद्रग्रहों का एक दूसरा बेल्ट है जो पृथ्वी की कक्षा के बहुत करीब घूमते हैं।
  • यह बेल्ट लगभग 150 मिलियन किलोमीटर की औसत दूरी पर सूर्य के चारों ओर स्थित है।

 2024 PT5 का दृश्यता (Visibility of 2024 PT5):

2024 PT5, नंगी आंखों (naked eye) से नहीं देखा जा सकेगा, क्योंकि इसका आकार बहुत छोटा है। अध्ययन के अनुसार, यह क्षुद्रग्रह (asteroid) “इतना छोटा और धुंधला है कि इसे आम टेलीस्कोप और दूरबीनों से नहीं देखा जा सकता।” इसे देखने के लिए कम से कम 30 इंच व्यास वाले पेशेवर-ग्रेड टेलीस्कोप (professional-grade telescope) की आवश्यकता है, साथ ही एक चार्ज कपल्ड डिवाइस या कॉम्प्लिमेंटरी मेटल ऑक्साइड सेमीकंडक्टर डिटेक्टर (complementary metal oxide semiconductor detector) भी चाहिए।

एस्टेरॉयड (asteroid):

एस्टेरॉयड, जिन्हें “क्षुद्रग्रह” (asteroids) भी कहा जाता है, छोटे और पत्थर के बने खगोलीय पिंड होते हैं जो सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं। वे मुख्य रूप से क्षुद्रग्रह बेल्ट (asteroid belt)  में पाए जाते हैं, जो मंगल और बृहस्पति के बीच स्थित है।

एस्टेरॉयड के मुख्य विशेषताएँ (Key features of asteroids):

  • आकार (Size): एस्टेरॉयड का आकार बहुत भिन्न हो सकता है। कुछ एस्टेरॉयड केवल कुछ मीटर के होते हैं, जबकि अन्य कई सौ किलोमीटर तक बड़े हो सकते हैं।
  • संरचना (Composition): एस्टेरॉयड ज्यादातर चट्टान, धातु और बर्फ से बने होते हैं। उनकी संरचना ग्रहों की उत्पत्ति के समय की अवशेष होती है।
  • गति (Speed): एस्टेरॉयड सूर्य के चारों ओर elliptical कक्षाओं में यात्रा करते हैं। उनकी गति विभिन्न हो सकती है, लेकिन वे सामान्यतः 15 से 25 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से चलते हैं।
  • टकराव (Collisions): एस्टेरॉयड कभी-कभी एक-दूसरे के साथ टकरा सकते हैं, जिससे छोटे टुकड़े बन सकते हैं जो फिर से अन्य कक्षाओं में चले जाते हैं।
  • वैज्ञानिक महत्व (Scientific significance): एस्टेरॉयड हमारे सौर मंडल के निर्माण और विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। उनका अध्ययन पृथ्वी पर संभावित खतरों को समझने में भी मदद करता है।

पिछले उदाहरण (Previous examples):

  • 2006 RH120 ने पृथ्वी के चारों ओर पूरे एक साल तक, जुलाई 2006 से जुलाई 2007 तक परिक्रमा की।
  • 2020 में एक मिनी चाँद खोजा गया, जिसे बाद में 1966 के सर्वेयर 2 सेंटॉर लॉन्च का एक रॉकेट बूस्टर माना गया, जो वास्तव में अंतरिक्ष में कचरा था।
  • कई क्षुद्रग्रह अक्सर पृथ्वी के निकट लौटते हैं। उदाहरण के लिए, 2022 NX1 नामक क्षुद्रग्रह 1981 और फिर 2022 में मिनी चाँद बना, और इसका अगला लौटना 2051 में होने की उम्मीद है।
  • कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि यह घटना इतनी सामान्य है कि पृथ्वी के पास हमेशा कहीं न कहीं एक मिनी चाँद परिक्रमा कर रहा होगा।

क्या यह सामान्य है? (Is this normal)?

  • पृथ्वी के लिए क्षुद्रग्रहों को अपनी ओर आकर्षित करना सामान्य है।
  • शोध पत्र में बताया गया है कि पृथ्वी समय-समय पर निकट-पृथ्वी वस्तुओं (Near-Earth objects -NEO) से क्षुद्रग्रहों को पकड़ सकती है, जिससे वे कक्षा में आते हैं और ‘मिनी चाँद’ (mini moons) बन जाते हैं।
  • NASA किसी भी अंतरिक्ष वस्तु को जो पृथ्वी से लगभग 120 मिलियन मील (190 मिलियन किलोमीटर) के भीतर हो, “निकट-पृथ्वी वस्तु” (Near-Earth objects -NEO) मानता है। बड़े वस्तुओं को जो 7 मिलियन मील (7.5 मिलियन किलोमीटर) के भीतर हैं, “संभावित खतरनाक” (“potentially hazardous) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
  • NASA लगभग 28,000 क्षुद्रग्रहों (asteroids) की निगरानी करता है, इसके लिए ATLAS नामक चार टेलिस्कोपों का एक प्रणाली है, जो हर 24 घंटे में पूरी रात के आसमान को स्कैन करता है।

 वैज्ञानिक महत्व (Scientific significance):

  • मिनी-मूनों की वैज्ञानिक जांच से हमें पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के साथ अन्य आकाशीय वस्तुओं (celestial objects) के इंटरैक्शन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
  • ये मिनी-मून सैंपल-रिटर्न मिशनों (sample-return missions) के लिए एक लक्ष्य होते हैं।
  • ग्रह रक्षा पहलों (planetary defense initiatives) के लिए मिनी-मूनों की समझ बहुत महत्वपूर्ण है।
  • इनके व्यवहार से हमें बड़े क्षुद्रग्रहों और पृथ्वी के निकट वस्तुओं से संभावित टकराव के खतरों के बारे में जानकारी मिलती है।
  • मिनी-मून भविष्य में मानव अन्वेषण (human exploration) के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • विज्ञान समुदाय में मिनी-मूनों को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इनमें कीमती धातुएँ (precious metals) होती हैं।
  • जब ये पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण (Earth’s gravity) द्वारा आकर्षित होते हैं, तो इससे उन कीमती धातुओं को खनन (mining) करने की संभावना खुलती है।

क्षुद्रग्रह और धूमकेतु में क्या अंतर है (What is the difference between an asteroid and a comet) ?

(UPSC Civil Services Exam 2011 Prelims)

  1. क्षुद्रग्रह छोटे चट्टानी ग्रह हैं, जबकि धूमकेतु जमी हुई गैसों से बने होते हैं जो चट्टानी और धात्विक सामग्री द्वारा एकत्रित होते हैं।
  2. क्षुद्रग्रह ज्यादातर बृहस्पति और मंगल के बीच के कक्ष में पाए जाते हैं, जबकि धूमकेतु ज्यादातर शुक्र और बुध के बीच पाए जाते हैं।
  3. धूमकेतु एक स्पष्ट चमकती पूंछ दिखाते हैं, जबकि क्षुद्रग्रह नहीं दिखाते।

विकल्प:

  • 1 और 2 केवल
  • 1 और 3 केवल
  • 3 केवल
  • 1, 2 और 3

उत्तर/Ans:  1 और 3 केवल

Explanation:

क्षुद्रग्रह (Asteroids):

  • ये छोटे, चट्टानी पिंड हैं जो सूरज के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।
  • जबकि क्षुद्रग्रह सूर्य के चारों ओर ग्रहों की तरह परिक्रमा करते हैं, वे ग्रहों की तुलना में बहुत छोटे होते हैं।
  • इन प्राचीन अंतरिक्ष के मलबों का अधिकांश भाग मंगल और बृहस्पति के बीच मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट में पाया जाता है।
  • सभी क्षुद्रग्रहों का कुल द्रव्यमान पृथ्वी के चंद्रमा से भी कम है।
  • ये कोई स्पष्ट चमकती पूंछ नहीं दिखाते।

धूमकेतु (Comets):

  • ये सौर प्रणाली के निर्माण के बचे हुए जमी हुए पिंड हैं, जो धूल, चट्टान और बर्फ से बने होते हैं।
  • जब धूमकेतु सूर्य के करीब आते हैं, तो यह गर्म होकर धूल और गैसों को एक विशाल चमकदार सिर/पूंछ में छोड़ते हैं, जो अधिकांश ग्रहों से बड़े होते हैं।
  • हमारे सूर्य के चारों ओर संभवतः अरबों धूमकेतु परिक्रमा कर रहे हैं।
  • ये मुख्य रूप से दो क्षेत्रों से उत्पन्न होते हैं: किपर बेल्ट और ओर्ट क्लाउड।
  • धूमकेतु शुक्र और बुध तक सीमित नहीं होते, इसलिए कथन 2 सही नहीं है।

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