केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में लोक सेवा प्रशिक्षण संस्थान सम्मेलन में Mission Karmayogi के तहत ‘अमृत ज्ञान कोष’ पोर्टल और ‘फैकल्टी डेवलपमेंट पोर्टल’ की शुरुआत की। यह कार्यक्रम भारत में सिविल सेवा प्रशिक्षण के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो वैश्विक दृष्टिकोण के साथ भारतीय मूल्यों पर आधारित भविष्य के लिए तैयार सिविल सेवा की दिशा में एक आदर्श बदलाव को दर्शाता है।
मिशन कर्मयोगी (Mission Karmayogi): राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम
- मिशन कर्मयोगी – राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम (NPCSCB) के तहत सिविल सेवा अधिकारियों के लिए कर्मयोगी भारत पोर्टल नामक एक ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया गया है।
- इसका उद्देश्य एक ऐसी सक्षम सिविल सेवा तैयार करना है जो भारतीय मूल्यों में निहित हो, देश की प्राथमिकताओं की गहरी समझ रखती हो, और सार्वजनिक सेवा को प्रभावी और कुशलता से प्रदान करने के लिए मिलकर काम करती हो।
- मिशन कर्मयोगी (Mission Karmayogi) का लक्ष्य एक भविष्य के लिए तैयार सिविल सेवा का निर्माण करना है, जो सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान से लैस हो और नए भारत की दृष्टि के साथ मेल खाती हो।
कर्मयोगी भारत का दृष्टिकोण –
- कर्मयोगी भारत का दृष्टिकोण भारतीय सिविल सेवाओं के क्षमता निर्माण के परिदृश्य को बदलना है।
- इसके तहत एक मजबूत डिजिटल इकोसिस्टम स्थापित किया जा रहा है, जो अधिकारियों को कहीं भी, कभी भी, निरंतर सीखने की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे वे भविष्य के लिए तैयार हो सकें।
- इस दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए, मिशन का उद्देश्य सिविल सेवा अधिकारियों को उनकी क्षमता निर्माण यात्रा में मार्गदर्शन प्रदान करना है।
- इसके तहत ऑनलाइन, आमने-सामने और मिश्रित लर्निंग की सुविधा, विभिन्न विषयों पर चर्चा मंच, करियर प्रबंधन, और विश्वसनीय आकलन की सुविधा दी जाएगी जो अधिकारियों की क्षमताओं को प्रमाणित करेंगे।
नागरिक मिशन कर्मयोगी के केंद्र में –
Mission Karmayogi का मुख्य ध्यान सरकार और नागरिक के बीच के संवाद को बेहतर बनाने पर है, ताकि अधिकारी नागरिकों और व्यवसायों के लिए सहायक बन सकें। इसके तहत व्यवहारिक, कार्यात्मक और क्षेत्रीय क्षमताओं का विकास किया जाएगा, जिससे नागरिकों का जीवन सरल होगा और व्यवसाय करने में आसानी होगी। इस प्रकार, मिशन कर्मयोगी को नागरिक केंद्रित सिविल सेवा सुधार कार्यक्रम के रूप में डिज़ाइन किया गया है।
मिशन कर्मयोगी –
मिशन कर्मयोगी का लक्ष्य मुख्य रूप से निम्नलिखित तरीकों से अपने उद्देश्यों को पूरा करना है:
- सिविल सेवाओं की क्षमता निर्माण के लिए नई राष्ट्रीय संरचना
- व्यक्तिगत, संस्थागत और प्रक्रिया स्तर पर व्यापक सुधार
- प्रधानमंत्री द्वारा संचालित एचआर परिषद
- क्षमता निर्माण आयोग
- पूर्ण स्वामित्व वाली एसपीवी (विशेष प्रयोजन वाहन)
मिशन कर्मयोगी के छह स्तंभ
Mission Karmayogi के छह प्रमुख स्तंभ निम्नलिखित हैं:
- नीति ढांचा (Policy Framework)
- संस्थागत ढांचा (Institutional Framework)
- क्षमता ढांचा (Competency Framework)
- डिजिटल लर्निंग ढांचा (iGOT-Karmayogi)
- इलेक्ट्रॉनिक मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (e-HRMS)
- निगरानी और मूल्यांकन ढांचा (Monitoring and Evaluation Framework)
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