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राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग

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संदर्भ:

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (NCSK) के कार्यकाल को मार्च 2028 तक तीन वर्षों के लिए बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। यह फैसला सफाई कर्मचारियों के कल्याण और अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (NCSK)के तीन वर्ष के विस्तार से कुल वित्तीय भार लगभग 91 करोड़ रुपये होगा।

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के बारे में:

स्थापना और कानूनी स्थिति:

  • राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग अधिनियम, 1993 को सितम्बर- 1993 में अधिनियमित किया गया था तथा एक वैधानिक राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का गठन पहली बार अगस्त, 1994 में किया गया था।
  • 2004 में अधिनियम की अवधि समाप्त होने के बाद, यह एक गैरसांविधिक (Non-Statutory) निकाय बन गया।
  • 2013 केसफाई कर्मचारियों के रूप में रोजगार निषेध और पुनर्वास अधिनियम के लागू होने के बाद, आयोग के कार्यक्षेत्र का विस्तार किया गया।

संगठनात्मक संरचना:

  • मंत्रालय: यह सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत कार्य करता है।
  • संरचना:
    • अध्यक्ष – राज्य मंत्री के समकक्ष रैंक।
    • उपाध्यक्ष – भारत सरकार के सचिव के समकक्ष रैंक।
    • पाँच सदस्य, जिनमें एक महिला सदस्य शामिल होती है (सभी सचिव स्तर के अधिकारी)।
    • सचिव – भारत सरकार के संयुक्त सचिव के समकक्ष।
    • अन्य सहायक स्टाफ

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (NCSK) के कार्य:

  • मुख्य दायित्व: NCSK का कार्य सफाई कर्मचारियों के सामाजिक और आर्थिक कल्याण को सुनिश्चित करना और उनके लिए उचित नीतियाँ सुझाना है।
  • प्रमुख कार्य:
    1. सफाई कर्मचारियों के लिए असमानताओं को दूर करना: सरकार को विशेष कार्यक्रमों की सिफारिश करना, जिससे सफाई कर्मचारियों की स्थिति, सुविधाओं और अवसरों में सुधार हो।
    2. कल्याणकारी योजनाओं का मूल्यांकन: सफाई कर्मचारियों और मैला ढोने वालों के लिए लागू योजनाओं और कार्यक्रमों का अध्ययन और मूल्यांकन करना।
    3. शिकायतों की जांच और स्वत: संज्ञान लेना: सफाई कर्मचारियों से संबंधित योजनाओं के सही कार्यान्वयन की निगरानी करना। यदि योजनाओं या नीतियों का सही पालन नहीं हो रहा है, तो स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई की सिफारिश करना।
    4. कार्यस्थल की स्थितियों की निगरानी: सफाई कर्मचारियों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और मजदूरी की स्थिति का अध्ययन और निगरानी करना।
    5. केंद्र और राज्य सरकारों को रिपोर्ट प्रस्तुत करना: सफाई कर्मचारियों की कठिनाइयों और समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार को रिपोर्ट और सुझाव देना
    6. अन्य संदर्भित कार्य: केंद्र सरकार द्वारा सौंपे गए अन्य मामलों को देखना।
  • 2013 केमैला ढोने वालों के रूप में रोजगार निषेध और पुनर्वास अधिनियमके तहत कार्य:
    1. कानून के कार्यान्वयन की निगरानी करना।
    2. इस कानून के उल्लंघन की शिकायतों की जांच कर उचित कार्रवाई की सिफारिश करना।
    3. केंद्र और राज्य सरकारों को कानून के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सलाह देना।
    4. यदि कानून का पालन नहीं हो रहा है, तो स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई की सिफारिश करना।

सफाई कर्मचारियों द्वारा झेली जाने वाली समस्याएँ:

  • खतरनाक कार्य परिस्थितियाँ:
    • त्वचा और श्वसन संबंधी बीमारियाँ – जैसे एक्जिमा, स्केली डर्मेटाइटिस, और अन्य संक्रमण।
    • असुरक्षित सफाई तकनीक – बिना सुरक्षात्मक उपकरणों के काम करने से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव।
  • सामाजिक बहिष्कार और सुरक्षा की कमी
    • अधिकांश सफाई कर्मचारी हाशिए पर रहने वाले समुदायों से आते हैं और सामाजिक बहिष्कार का सामना करते हैं।
    • सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की कमी के कारण वित्तीय असुरक्षा बनी रहती है।

सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए पहल

  • राष्ट्रीय मैकेनाइज्ड सैनिटेशन ईकोसिस्टम योजना
  • स्वच्छ भारत मिशन

निष्कर्ष: NCSK सफाई कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा, उनके सामाजिक और आर्थिक उत्थान और कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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